Hindi Newsबिहार न्यूज़आराNo benefit of tap water scheme on road and street repair

सड़क व गली दुरुस्त पर नल जल योजना का नहीं मिल रहा लाभ

फोटो-9-शाहपुर की करजा पंचायत का निर्माणाधीन पंचायत सरकार भवन। जसज जसज जयज ज ज ज ज ज जज ज...

Newswrap हिन्दुस्तान, आराThu, 15 April 2021 08:10 PM
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एक संवाददता

शाहपुर। प्रखंड से लगभग 16 किलोमीटर पर करजा पंचायत है। इसमें चार गांव हैं, जिसमें करजा, उमरावगंज, राजपुर व चारघाट आते हैं। पंचायत सरकार भवन पिछले साल 2020 से बन रहा है पर 2021 में भी अधूरा रह गया है। सरकार भवन की निर्माण एजेंसी के ठेकेदार की मनमानी के कारण काम समय पर पूरा नहीं हो सका है। मुखिया ने बताया कि सरकारी भवन के पैसे की बंदरबांट हो रही है। भवन बन रहा और साथ ही कई जगह जर्जर होने भी लगा है । इसका काम भी अभी पूरा नहीं हो पाया है। पंचायत के सात निश्चय, पंचम वित्त आयोग व चौदहवीं योजना के अंतर्गत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का काम किया गया है। हालांकि पंचायत में कम राशि मिलने का मलाल मुखिया को है, जिसके लिए उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को दोषी ठहराया है। कई वार्डों में नल-जल व नाली-गली के साथ कई कार्य हुए लेकिन कुछ वार्ड ऐसे भी हैं, जहां न तो नल का जल टपका और न ही नाली-गली का निर्माण हो पाया। इससे संबंधित वार्डों के लोगों में नाराजगी भी है।

सड़क:

करजा पंचायत क्षेत्र में सड़क की हालत बेहतर है। इस क्षेत्र के गांवों व टोलों को मुख्य सड़क से जोड़ा गया है। इस वजह से जलजमाव की समस्या से भी लोगों को निजात मिली है। जलजमाव वाले इलाकों में 60 प्रतिशत से अधिक स्थिति में सुधार हुआ है। कुछ सड़कों के बदहाल होने के कारण परेशानी तो जरूर है, लेकिन सुधार के लिए भी प्रयास किया जा रहा है।

बिजली :

करजा पंचायत में बिजली व्यवस्था में फिलहाल सुधार है। समय पर बिजली मिलती है। 18 से 20 घंटे बिजली रहती है। अभी गर्मी के मौसम में बिजली में कुछ फाल्ट होता रहता है। सूचना मिलने पर फाल्ट की समस्या को दुरुस्त कर दिया जाता है। हालांकि गर्मी के मौसम में रात में लो वोल्टेज की समस्या से कई वार्ड के लोगों को जूझना पड़ता है।

नल-जल :

करजा पंचायत में नल का पानी कुछ वार्डों में मिलता है, लेकिन अधिकतर वार्डों में एक बूंद पानी भी नहीं टपका। नल-जल का काम लगभग अधूरा है। यह योजना फ्लाप बनकर रह गई है। चारघाट वार्ड 12 का नल-जल व 11 वार्ड का दोनों एक ही में गड़ गया है। जमीन के अभाव में ऐसी समस्या पैदा हुई। इस मामले में मुखिया के प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिली।

अस्पताल:

करजा पंचायत में स्वास्थ्य केन्द्र है। एएनएम आती हैं और बच्चों को पोलियो खुराक व टीका सहित कई स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाने का काम करती है। एएनएम आती तो हैं, लेकिन समय के पहले चली जाती हैं। हालांकि डॉक्टर कभी-कभार भी नहीं आते या दिखाई देते हैं। इसको लेकर लोगों में नाराजगी रहती है।

पंचायत भवन: पंचायत में नहीं चलता आरटीपीएस काउंटर

करजा पंचायत में आरटीपीएस काउंटर पांच साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी अभी तक नहीं खुला। पंचायत सरकार भवन का निर्माण अंतिम दौर में है। इस वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। मुखिया का कहना है कि पंचायत के कामों को लेकर पंचायत की जानता को 16 किलोमीटर प्रखंड मुख्यालय शाहपुर जाना पड़ता है। पंचायत की बैठक घर पर नहीं तो सामुदायिक भवन पर की जाती है।

सिंचाई के साधन : निजी पंपसेट ही सिंचाई का सहारा

सरकारी पंप सेट के बंद रहने से निजी पंप सेट ही इस पंचायत क्षेत्र के किसानों के लिए सिहंचाई का साधन है। अपने-अपने बोरिंग से किसान खेतों में फसलों की सिंचाई करते हैं। इस ओर कोई भी प्रयास नहीं किया गया। करजा पंचायत के चारघाट सहित अन्य गांवों में सरकारी बोरिंग के बंद पड़े रहने अथवा चालू नहीं रहने के कारण किसानों को अपने निजी पंप सेट से सिंचाई करनी पड़ती है। अगर सिंचाई के संसाधन सही समय पर मिले तो किसान भी अच्छी तरक्की कर सकते हैं।

रोजगार के अवसर : सरकारी रोजगार योजनाओं का नहीं मिला लाभ

मनरेगा में जॉब कार्ड होने के बाद भी काम के अभाव में मजदूरों को पलायन करना पड़ा। मनरेगा में काम नहीं मिलने के कारण मजदूरों को रोजी-रोजगार की तलाश में दूसरे जगहों पर जाना पड़ा। यहां के लोगों के लिए क्षेत्र में रोजगार का एक मात्र साधन खेती व मजदूरी है। सरकार की ओर से संचालित रोजगार योजनाओं का भी लाभ ठस क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पाया है। रोजगार का अन्य कोई दूसरा साधन नहीं होने की वजह से पंचायत के लगभग चार सौ लोग रोजगार के लिए दूसरे प्रदेश में पलायन कर गए।

नाली-गली : नाली गली के लाभ से वंचित रह गये कुछ वार्ड

गली-नाली का काम कुछ वार्डों में अधूरा रह गया है। वैसे 80 प्रतिशत वार्डों में गली-नली पक्कीकरण व पीसीसी ढलाई का निर्माण कराया गया है। कुछ जगहों पर नाली-गली व रोड निजी जमीन होने के कारण आपसी सामंजस्य स्थापित नहीं रहने के कारण नहीं हो सका है। दलित मोहल्लों के लोगों को भी पक्कीकरण योजना का पूरा लाभ नहीं मिल सका। ऐसे में लाभ से वंचित वार्ड के ग्रामीणों में नाराजगी है और समस्या भी झेलनी पड़ रही है। वैसे पंचायत के अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास अब भी जारी है।

क्या कहते हैं मुखिया

पंचायत में किये गये कार्य लोगों के सामने है। पारदर्शिता के साथ योजनाओं का लाभ हर वर्ग को दिया गया है। सरकार के फंड का पूरा इस्तेमाल किया गया है। विकास दिख भी रहा है।

शिव प्रसाद यादव, मुखिया

क्या कहते हैं प्रतिद्वंद्वी

पंचायत में विकास कार्य मानक के अनुरूप नहीं किया गया है। योजनाओं में लूट-खसोट ज्यादा हुई है और विकास के कार्य कम हुए हैं। योजनाओं का लाभ देने में भेदभाव किया गया है।

विष्णु शंकर उर्फ बूढ़ा तिवारी, प्रतिद्वंद्वी

उपलब्धियां

-पंचायत के अधिकतर वार्डों में नाली-गली व पीसीसी ढलाई का कार्य हुआ है। सरकारी फंड कम रहने के बावजूद 80 प्रतिशत तक काम किया गया है।

-आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के सहयोग से पंचायत के लोगों को आवास और शौचालय का लाभ पहुंचाने का काम किया गया है। इससे गरीबों को सहूलियत हुई है।

नाकामियां

- कई जगहों पर नाली-गली का काम सही ढंग से नहीं कराये जाने से जलजमाव की स्थिति बरकरार है। चारघाट से सलेमपुर बरजा के रास्ते पर चलना मुश्किल है।

-पंचायत ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में शौच की समस्या से आज तक निजात नहीं मिल पायी है। पंचायत क्षेत्र लोग आज भी खुले में शौच करते हैं। इससे परेशानी हो रही है।

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