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कर्नाटक से लापता आईटीबीपी जवान का गांव में पेड़ से लटका मिला शव

मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव में डिप्रेशन में खुदकुशी की आशंकाज ज जासज ज ज जज ज ज ज ज

Newswrap हिन्दुस्तान, आराSun, 17 Nov 2024 06:27 PM
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मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव में डिप्रेशन में खुदकुशी की आशंका बेंगलुरु के बेलगाम स्थित ट्रेनिंग सेंटर से 13 नवंबर से लापता था जवान बधार में प्लास्टिक की रस्सी के सहारे बबुल के पेड़ से लटका था शव परिजन जता रहे किसी के ब्लैकमेल के कारण से खुदकुशी की आशंका जवान के पॉकेट से मिले सुसाइड नोट में लिखा मर्जी से कर रहा खुदकुशी शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मामले की छानबीन में जुटी पुलिस आरा। हिन्दुस्तान संवाददाता शहर से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव में रविवार की सुबह आईटीबीपी के एक जवान का शव पेड़ से लटका मिला। उसका शव गांव के बधार में बबुल के एक पेड़ से प्लास्टिक की रस्सी के सहारे लटका था। मृत जवान गंगहर गांव निवासी इंद्र कुमार राम का 25 वर्षीय पुत्र गौतम कुमार था। वह कर्नाटक के बेलगाम में पोस्टेड था और ट्रेनिंग सेंटर से पिछले 13 नवंबर से लापता था। उसका मोबाइल गायब है। खुदकुशी का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि परिजनों की ओर से किसी के ब्लैकमेल से परेशान होकर खुदकुशी करने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, जवान के पॉकेट से एक सुसाइड नोट मिला है। उसमें जवान की ओर से अपनी मर्जी से आत्महत्या करने की बात लिखी गई है। किसी का दबाव नहीं होने की बात भी लिखी गई है। इधर, रविवार की सुबह अचानक जवान का शव मिलने से पूरे गांव में सनसनी मच गई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। मोबाइल की सीडीआर का विश्लेषण कर रही है। वैज्ञानिक और तकनीकी जांच की भी मदद ली जा रही है। रस्सी और सुसाइड नोट को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है। इंद्र कुमार राम का कहना है कि उनके बेटे को रुपये के लिए कोई ब्लैकमेल कर रहा था। इसके लिए वह उनसे और अन्य रिश्तेदारों से रुपये की मांग रहा था। इधर, थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा के अनुसार जवान बेंगलुरु के बेलगाम स्थित अपने ट्रेनिंग सेंटर से 13 नवंबर से बिना किसी सूचना के ही ड्यूटी से गायब था। इसे लेकर आईटीबीपी विभाग के अधिकारियों की ओर से वहां के स्थानीय थाने में उसके लापता होने का आवेदन भी दिया गया था। जवान बेंगलुरु ट्रेनिंग सेंटर से गांव कब और कैसे आया और खुदकुशी की जांच की जा रही है। चार दिन में पिता और अन्य रिश्तेदारों से जवान ने मांगे थे लाख से अधिक रुपये -जवान के बेंगलुरु से गांव आने की अबूझ कहानी -चाचा के श्राद्धकर्म में भाग लेने गांव आया परिवार, मिल गया जवान का शव आरा। हिन्दुस्तान संवाददाता गंगहर गांव निवासी आईटीबीपी के जवान गौतम कुमार का बेंगलुरु से गांव आना और खुदकुशी करना अबूझ पहेली लग रही है। गांव और घर के लोगों को पता नहीं है कि वह बेंगलुरु से कब गांव आया था। उसके पिता इंद्र कुमार राम दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में वार्ड ब्वॉय का काम करते हैं। चाचा की मौत होने के बाद श्राद्ध कर्म के लिए वह चार-पांच रोज पहले ही गांव आये थे। उन्होंने बताया कि आठ नवंबर को गौतम के पास फोन कर कहा कि बहुत जरूरी काम होने की बात कहते हुए उनसे 24 हजार रुपए की मांग की थी। उन्होंने पूछा भी था कि आखिर क्या काम है, तो उसने कुछ नहीं बताया। सिर्फ इतना कहा कि बहुत अर्जेंट है। इसके अलावा उसने कई रिश्तेदारों से भी उसी दिन फोन कर रुपये मांगे थे। रिश्तेदारों से भी उसने करीब लाख रुपए खाते में मंगाये थे। नौ नवंबर को फिर उसने रुपये की मांग की थी। तब उन्होंने एक साइबर कैफे से मुकेश नामक एक व्यक्ति के खाते पर 24 हजार रुपए उसे भेज दिये थे। उनकी गौतम से 11 नवंबर को आखिरी बार बात हुई थी। इसके बाद गौतम कुमार से उनकी और घर के किसी भी सदस्य से बात नहीं हुई। उसी दिन से उसका मोबाइल बंद आ रहा था। इस बीच 11 नवंबर को उनके चाचा का देहांत हो गया था। इस कारण वह जल्दी में गांव चले आये। रविवार की सुबह शौच करने के लिए बधार की ओर जा रही गांव की महिलाओं ने देखा कि बबुल के पेड़ से गौतम का शव लटका है। महिलाओं की सूचना पर परिजन पहुंचे और स्थानीय थाना पुलिस को घटना की जानकारी दी। इंद्र कुमार राम का कहना है कि उनके बेटे का गांव में किसी से कोई दुश्मनी या विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी की ओर से रुपये के लिए ब्लैकमेल करने पर डिप्रेशन में आकर गौतम की ओर से खुदकुशी करने की आशंका जताई गई है। कहा गया कि उसका मोबाइल मिलने के बाद मौत का राज खुल पायेगा। पुलिस जवान के मोबाइल की सीडीआर खंगाल रही है। भाई मैं जा रहा हूं...माता-पिता का ख्याल रखना... जवान गौतम कुमार के पॉकेट से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है कि मैं गौतम कुमार अपने होशो हवास में यह लिख रहा हूं कि मैं आत्महत्या अपनी मर्जी से करने जा रहा हूं। किसी के दबाव में आकर नहीं कर रहा हूं। मेरे माता-पिता व भाई से पुलिस सवाल पूछ कर परेशान न करे, इसकी मैं गुजारिश करता हूं। इसके अलावा नोट में लिखा गया है कि भाई मैं जा रहा हूं दुनिया छोड़कर। आप दोनों अपने माता-पिता का ख्याल रखना भाई। हालांकि पुलिस सुसाइड नोट की गहनता से जांच कर रही है। तीन भाइयों में मांझिल था गौतम, पिछले साल लगी थी नौकरी बताया जा रहा है कि गौतम कुमार का पिछले वर्ष आईटीबीपी जवान के पद के लिए चयन हुआ था। ज्वॉइन करने के बाद उसने एक साल की ट्रेंनिंग चेन्नई के मदुरई में पूरी की। इसके बाद दुर्गापूजा में वह गांव आया था। इसके बाद वह वापस मदुरई लौटा, तो एक माह की स्पेशल ट्रेनिंग के लिए उसे कर्नाटक के बेलगाम भेजा गया था। गौतम तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर था। उसके परिवार में मां उर्मिला देवी, भाई रंजीत कुमार राम और बजरंगी कुमार राम है। घटना के बाद जवान के घर में कोहराम मच गया है। जवान बेटे के वियोग मां उर्मिला देवी सहित परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा है।

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