वीकेएसयू : वोकेशनल कोर्स संचालित कॉलेजों के आधारभूत संरचनाओं की होगी जांच
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-मानक पर खरा नहीं उतरने वाले कॉलेजों में इस सत्र में नहीं होगा एडमिशन -शिक्षा विभाग की कमेटी करेगी आधारभूत संरचनाओं की जांच आरा। निज प्रतिनिधि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में संचालित वोकेशनल कोर्स के आधारभूत संरचना की जांच होगी। जांच की कसौटी पर खरे उतरने वाले कॉलेजों में ही वोकेशनल कोर्स संचालित होगा। जो कॉलेज मानक पर खरे नहीं उतरेंगे, वहां एडमिशन नहीं होगा। यह नियम वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही लागू होगा। बिहार सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने जिन कॉलेजों में वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई हो रही है, वैसे संस्थानों की जांच को लेकर कवायद तेज कर दी है। बता दें कि शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में कॉलेजों में संचालित वोकेशनल कोर्स एआईसीटीई से जुड़ गये हैं। अब एआईसीटीई के मानक के अनुरूप संस्थानों में आधारभूत संरचना है अथवा नहीं, इसकी जांच होगी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने भी निर्देश दिया है कि वोकेशनल पाठ्यक्रमों के लिए निर्धारित मानक के अनुसार कॉलेज विद्यार्थियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे। जानकारों की मानें तो शिक्षा विभाग ने वोकेशनल कोर्स संचालित कॉलेजों की जांच को लेकर कमेटी का गठन भी कर दिया है। जल्द ही टीम की ओर से जांच शुरू की जायेगी। पिछले वर्ष सशर्त मिली थी नामांकन की मंजूरी बता दें कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में वोकेशनल कोर्स वाले कॉलेजों को सशर्त एडमिशन की इजाजत मिली थी। शैक्षणिक सत्र में विलंब होते देख विभाग ने छात्र हित में एडमिशन की मंजूरी दी थी, लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। सत्र 2025-26 में आधारभूत संरचना की जांच के बाद कॉलेजों में एडमिशन होगा। वैसे कॉलेज जहां प्रयोगशाला, शिक्षक, आधारभूत संरचना, आदि मानक के अनुरूप नहीं है, वहां एडमिशन नहीं होगा। वहीं, जिन अंगीभूत कॉलेजों को अपनी संख्या बढ़ानी है, वे पहले सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेंगे, ताकि सीटों का निर्धारण और कोर्स संचालन की अनुमति मिल सके। कई जगहों पर आवश्यक संसाधन नहीं सूत्रों की मानें तो अधिकतर अंगीभूत और संबद्ध कॉलेज जहां वोकेशनल कोर्स के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होती है, वहां आवश्यक संसाधन तक नहीं है। कंप्यूटर लैब सहित फैकल्टी की कमी है। इधर, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को संचालित कर रहे अंगीभूत कॉलेजों और मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में आधारभूत संरचना की जांच के लिए राजभवन सचिवालय ने भी निर्देश जारी किया है। इधर, कॉलेजों को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) से मान्यता एवं उसके द्वारा निर्धारित शर्तों का अक्षरशः पालन करने को कहा गया है। सीटें बढ़ानी है तो मानकों को करना होगा पूरा वैसे कॉलेज जहां प्रयोगशाला, स्थायी एवं योग्य शिक्षक, आधारभूत संरचना आदि मानक के अनुरूप नहीं है, वहां अगले साल से विद्यार्थियों का नामांकन नहीं होगा। जिन अंगीभूत कॉलेजों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम के लिए सीटें बढ़ानी है, वे मानक को पूरा कर सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेंगे, ताकि पाठ्यक्रम के निर्धारण और उसके संचालन में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए। मालूम हो कि सत्र 2025-26 से वैसे कॉलेज जो एआईसीटीई के नॉर्म्स का अनुपालन नहीं करेंगे अथवा जिनके पास आधारभूत संरचना की कमी रहेगी, वहां सीटें घट सकती हैं। साथ ही वहां एडमिशन पर रोक भी लग सकती है। एआईसीटीई से वोकेशनल कोर्स बीसीए और बीबीए पाठ्यक्रम की मान्यता मिलने के बाद इसकी उपयोगिता अधिक बढ़ गयी है। ऐसे में जहां इसकी पढ़ाई होती है, वहां विद्यार्थियों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने को ले यह कदम उठाया जा रहा है। 15 कॉलेजों में बीबीए व 21 में बीसीए की पढ़ाई मालूम हो कि विवि अंतर्गत 15 कॉलेजों में बीबीए कोर्स में एडमिशन लिया गया है। बीबीए में कुल 1060 सीटें निर्धारित हैं। इधर, कुछ जगह बीबीए में सीटें रिक्त हैं। वहीं विवि अंतर्गत 21 बीसीए पाठ्यक्रम वाले कॉलेजों में दाखिला लिया गया है। यहां 1540 सीटें निर्धारित हैं।
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