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मुंबई से पटना का हवाई किराया 1 लाख, दिल्ली से आना भी मुश्किल और स्पेशल ट्रेन में सुविधा नदारद; बिहार आना मुश्किल

दिल्ली-पटना मार्ग पर सामान्य दिनों में किराया चार से पांच हजार के बीच रहता है। अभी सामान्य किराया 15 से 17 हजार के बीच है। मुंबई-पटना मार्ग पर सामान्य दिनों में किराया छह से सात हजार रहता है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाThu, 31 Oct 2024 08:11 AM
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मुंबई से पटना का हवाई किराया 1 लाख, दिल्ली से आना भी मुश्किल और स्पेशल ट्रेन में सुविधा नदारद; बिहार आना मुश्किल

दिवाली और छठ में दूसरे शहरों से बिहार आने में हवाई किराया देख यात्रियों के पसीने छूट रहे हैं। स्थिति यह है कि दिल्ली से पटना आने में यात्रियों को 20 हजार तक किराया चुकाना पड़ रहा है। वहीं मुंबई पटना मार्ग पर दीवाली व एक दिन पहले अधिकतम किराया 28 हजार तक पहुंच गया। आलम यह है कि दो बच्चों के साथ एक परिवार को आने में एक लाख से अधिक रुपये केवल एक तरफा का किराया लग रहा है।

पटना एयरपोर्ट पर आने वाले विमान लगभग पूरी क्षमता के साथ उड़ान भर रहे हैं। विमानन कंपनियों की मनमानी की वजह से एक ओर यात्रियों की जेबे ढीली हो रही है। वहीं दूसरी ओर विमानन कंपनी टिकटों की बढ़ती मांग को मौका समझकर चांदी काट रही है। बेलगाम किराये को लेकर यात्रियों में आक्रोश है और वे एक्स व अन्य सोशल साइट्स पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यह हाल अगले एक हफ्ते तक है।

दिल्ली-पटना मार्ग पर सामान्य दिनों में किराया चार से पांच हजार के बीच रहता है। अभी सामान्य किराया 15 से 17 हजार के बीच है। मुंबई-पटना मार्ग पर सामान्य दिनों में किराया छह से सात हजार रहता है। अभी 20 से 28 हजार के बीच है। बेंगलुरू-पटना मार्ग पर भी भारी मारामारी है। सामान्य दिनों में किराया छह से सात हजार तक रहता है लेकिन अभी किराया 15 हजार से 17 हजार के बीच है। छठ तक पटना आने वाले विमानों की लगभग यही स्थिति है।

पुनाईचक के रहने वाले बेंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित ने बताया कि हर साल तीन चार महीने पहले से ही दीवाली और छठ के समय टिकटों की महंगाई तीन गुना तक हो जाती है। बिहार जाने वाले विमानों की महंगाई पर डीजीसीआई और एएआई को विचार करना चाहिए।

सुनसान इलाके में रुक जा रही स्पेशल ट्रेनें

इन स्पेशल ट्रेनों में पेंट्रीकार की सुविधा न होने से यात्री भूख-प्यास से बेहाल हो रहे हैं। नई दिल्ली बरौनी स्पेशल से पहुंचे यात्री प्रयाग ने बताया कि स्पेशल ट्रेनें सुनसान इलाके में रोक दी जा रही हैं। इससे न तो यात्री खाने-पाने के लिए खरीद रहे और न परिचितों से ही बीच के स्टेशनों पर खाना मंगवा पा रहे। लंबी यात्राओं की यह सबसे बड़ी परेशानी है। इन ट्रेनों में किराया भी अधिक लिया जा रहा है।

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