खेती की समस्या का समाधान मोबाइल पर, BAU की पहल; इस व्हाट्एप हेल्पलाइन का उपयोग करें
फसलों की मौजूदा स्थिति सिर्फ फोन कॉल से कई बार समझ नहीं आती थीं। इस कारण उसके समाधान के उपाय में तकनीकी परेशानी आती थी। इसे लेकर ही कुलपति के निर्देशन में व्हाट्सएप पर कृषि एग्री डॉक्टर का प्रयोग किया गया जो काफी सफल रहा। इस पर लगातार किसानों की समस्याएं पंजीकृत कर समाधान किया जाता है।
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) सबौर किसानों के लिए लगातार नई तकनीकों का ईजाद कर रही है। साथ ही नए फसलों के प्रभेदों को भी अनुसंधान के साथ तैयार कर रहे हैं। अब बीएयू ने किसानों की समस्या के समाधान के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। इसके माध्यम से खेती-किसानी की समस्या का तत्काल समाधान किसानों को मिलेगा। इसके लिए व्हाट्सएप पर किसानों को अपनी समस्या की फोटो और जानकारी देनी होगी। इसके बाद बीएयू के एग्री डॉक्टर द्वारा इसका समाधान बताया जाएगा। यह पहल कुलपति प्रो. डीआर सिंह के निर्देशन में शुरू की गयी है। व्हाट्एप हेल्पलाइन नंबर 7004528893 जारी किया गया है। इसके पहले से टॉलफ्री हेल्पलाइन नंबर 18003456455 जारी किया गया था।
बीएयू के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि पहले से ही बीएयू द्वारा किसान भाइयों के लिए हेल्पलाइन उपलब्ध है। इस पर वैज्ञानिकों द्वारा किसानों की समस्या का समाधान किया जाता था, लेकिन कुछ दिनों से किसान जो समस्या बताते थे। फसलों की मौजूदा स्थिति सिर्फ फोन कॉल से कई बार समझ नहीं आती थी। इस कारण उसके समाधान के उपाय में तकनीकी परेशानी आती थी। इसे लेकर ही कुलपति के निर्देशन में व्हाट्सएप पर कृषि एग्री डॉक्टर का प्रयोग किया गया जो काफी सफल रहा। इस पर लगातार किसानों की समस्याएं पंजीकृत कर समाधान किया जाता है।
समस्या आने पर अलग-अलग एंगल से मांगा जाता है फोटो पौधा विज्ञान के एक वैज्ञानिक ने बताया कि जब किसानों की समस्या व्हाट्सएप पर आती है तो किसानों से अलग-अलग एंगल का फोटो मांगा जाता है। संतुष्ट होने के पश्चात जो उपाय बताए जाते हैं वे सफल हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब काफी संख्या में समस्याएं आई हैं। जिनका समाधान किया गया है। यही नहीं जो रोग, कीटाणु के बारे में जानकारी मिलती है तो उनकी लिस्टिंग की जा रही है। उन समस्याओं के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। किस क्षेत्र में कौन सी समस्या ज्यादा है, इसकी भी सूची तैयार की जा रही है। इसकी समीक्षा होगी, साथ ही उसके समाधान के लिए ठोस उपाय निकालने में काम चल रहा है।