पहली गलती पर 5 सौ जुर्माना, दोहराया तो सरकारी सुविधाएं बंद; इस फरमान के मायने क्या हैं?
बिहार के झंझारपुरनगर परिषद को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। बावजूद खुले में और सड़कों पर शौच करना बंद नहीं हुआ है।इसे देखते हुए यह कड़ा फरमान जारी किया गया है।
बिहार के झंझारपुरनगर परिषद को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है। बावजूद खुले में और सड़कों पर शौच करना बंद नहीं हुआ है। नगर परिषद की कई ऐसी इलाके व सड़के हैं जहां सुबह में चलना दुभर हो जाता है। इन जगहों की साफ सफाई के बाद अब नगर परिषद दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया है।
स्वच्छता पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया की पहली बार खुले में शौच करते हुए पकड़े जाने पर 500 रुपया और मूत्र विसर्जन करने पर 100 का जुर्माना लगेगा। अगर यह सिलसिला दुबारा हुआ या लगातार जारी रहता हैं तो संबंधित परिवार को सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित किया जाएगा। दंडात्मक करवाई की सूचना पट्ट भी नगर परिषद के वैसी जगह पर लगाया गया है, जहां तमाम चेतावनी के बाद भी लोग खुले में शौच कर रहे हैं।
देखा जाय तो लंगड़ा चौक से इस्लामपुर जाने वाले सड़क में ठोस अपशिष्ट के रास्ते में, वार्ड नंबर 11, 12 के दो सड़कों में, वार्ड नंबर 1, 5, 9 एवं 8 की सड़कों पर अभी भी शाम के समय और सुबह के समय लोग खुले में शौच के लिए पहुंचती है। वार्ड नंबर 23, 18, 19, 20,26 में भी कुछ इलाके ऐसे हैं जहां की सड़के पूरी तरह स्वच्छ नहीं हो पाती है। सफाई कर्मियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्वच्छता पदाधिकारी का कहना है कि खुले में शौच करने वाले को चिन्हित करने के लिए स्वच्छता समूह की महिलाओं को टॉर्च के साथ लगाया जाएगा।
कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि हर हाल में नगर परिषद को खुले में शौच से शत प्रतिशत मुक्त करने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही मुख्य सड़कों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर लगाया जाएगा। खुले में शौच करने वालों की पहचान होगी और उस परिवार को आर्थिक दंड के अलावा सरकारी लाभ से वंचित किया जाएगा। मुख्य पार्षद बबीता शर्मा ने बताया कि नगर परिषद कोई भी घर शौचालय विहीन ना हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी वार्ड पार्षदों से शौचालय की सर्वे सूची मंगाई जा रही है। खुले में शौच कर शहर को गंदा करना और वातावरण को प्रदूषित करना दंडनीय अपराध है।