सुजुकी ने शुरू किया फ्लाइंग कार का प्रोडक्शन, 3 साल बाद गुजरात में होगी टेस्टिंग; इसका डिजाइन ड्रोन के जैसा होगा
- सुजुकी ने अपनी पहली फ्लाइंग कार का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी इसे स्काईड्राइव के साथ मिलकर तैयार कर रही है। इसका प्रोडक्शन जापान के इवाता प्लांट में शुरू किया गया है।
सुजुकी ने अपनी पहली फ्लाइंग कार का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। कंपनी इसे स्काईड्राइव के साथ मिलकर तैयार कर रही है। इसका प्रोडक्शन जापान के इवाता प्लांट में शुरू किया गया है। इस प्लांट के अंदर एक साल में 100 इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (eVTOL) फ्लाइंग कारों का प्रोडक्शन किया जा सकता है। ये फ्लाइंग कार पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और ऑटोनोमस हैं। इन्हें एडवांस्ड एयर मोबिलिटी (AAM) या अर्बन एयर मोबिलिटी (UAM) के रूप में भी जाना जाता है। सुजुकी ने हाल ही में इस फ्लाइंग कार को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2024 में भी पेश किया था।
सुजुकी की ये स्काईड्राइव फ्लाइंग कार बिजली से चलने वाला एक तरह का ड्रोन है, जिसमें ऑटोपायलट जैसी ऑटोनोमस असिस्ट दिया गया है। स्काईड्राइव eVTOL एक कॉम्पैक्ट, 3-सीटर ड्रोन है, जो आम तौर पर एक हेलीकॉप्टर की तरह काम करता है। यह वर्टिकल रूप से उड़ने और उतरने में कैपेबिल है। इन कमर्शियल फ्लाइंग ड्रोन का डेवलपमेंट फ्यूचर में एयर टैक्सी सर्विस के इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है। इससे शहरी इलाकों में यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने में भी मदद मिलेगी।
स्काईड्राइव इंक ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 में eVTOL को पेश करने के साथ 2027 तक गुजरात में इसकी टेस्टिंग करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के साथ एक समझौता किया था। परीक्षण के अलावा, स्काईड्राइव व्यवसाय के अवसर पैदा करने की भी योजना बना रही है। इसके साथ ही, जापानी विमान निर्माता ने स्काईड्राइव eVTOL के भारतीय भविष्य के लिए आगे तकनीकी सहायता के लिए हैदराबाद स्थित एक भारतीय कंपनी साइएंट के साथ एक समझौता किया है। स्काईड्राइव का दावा है कि कार्गो ड्रोन जापान के कुछ पहाड़ी इलाकों में पहले से ही काम कर रहे हैं। उन्होंने शुरुआत में एक कॉम्पैक्ट टू-सीटर इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार भी तैयार की है।
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