Hindi Newsऑटो न्यूज़Hero Okinawa among 7 EV makers face legal action over unpaid dues know its all details here

हीरो, ओकिनावा समेत इन 7 ईवी निर्माताओं पर गिरी गाज! अब इस मामले में होगी कानूनी कार्रवाई

हीरो, ओकिनावा समेत 7 ईवी निर्माताओं पर हाल ही में गाज गिरी है। बकाया राशि का भुगतान न करने पर हीरो, ओकिनावा समेत 7 ईवी निर्माताओं को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। आइए मामला जानते हैं।

Sarveshwar Pathak लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीThu, 14 Sep 2023 12:25 PM
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हीरो, ओकिनावा समेत इन 7 ईवी निर्माताओं पर गिरी गाज! अब इस मामले में होगी कानूनी कार्रवाई

केंद्र ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) स्कीम के नॉर्म्स का अनुपालन न करने पर प्रोत्साहन का दावा करने के लिए 7 इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माताओं से ₹469 करोड़ की मांग की है। सरकार हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर ईवी, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से प्रोत्साहन राशि (Subsidy) वापस मांग रही है। अधिकारी के अनुसार, कंपनियों को नोटिस भेजा गया है और अब तक केवल रिवोल्ट मोटर्स ने ही अमाउंट वापस करने की पेशकश की है।

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समय सीमा लगभग समाप्त

अधिकारी ने कहा कि हमने उन्हें नोटिस भेजा है। अब तक केवल रिवोल्ट ने भुगतान करने की पेशकश की है... अन्य ने जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि समय सीमा लगभग समाप्त हो चुकी है और अगले सप्ताह सरकार कुछ निर्णय लेगी। सरकार द्वारा कार्रवाई पर विचार किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। 

क्या कहता है नियम?

भारी उद्योग मंत्रालय की जांच से पता चला है कि इन कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन कर योजना के तहत राजकोषीय प्रोत्साहन का लाभ उठाया है। योजना के नियमों के अनुसार, भारत में निर्मित कंपोनेंट का यूज करके इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहन की अनुमति दी गई थी, लेकिन जांच में यह पाया गया कि इन 7 कंपनियों ने कथित तौर पर आयातित कंपोनेंट का उपयोग किया था।

गुमनाम ईमेल से हुआ खुलासा

मंत्रालय ने गुमनाम ईमेल प्राप्त करने के बाद जांच की, जिसमें आरोप लगाया गया कि कई ईवी निर्माता इन इलेक्ट्रिक वाहनों के घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग स्कीम नियमों का पालन किए बिना सब्सिडी का दावा कर रहे थे।

9,000 करोड़ से अधिक का नुकसान 

सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने कहा है कि पिछले साल सब्सिडी बंद होने के बाद बकाया राशि का भुगतान न करने और बाजार में गिरावट के कारण कंपनियों को 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का संचयी नुकसान हुआ है। 

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