कोहरा कार की स्लो स्पीड को भी बना सकता है आउट ऑफ कंट्रोल, इन 4 बातों से सेफ रहें; ये नियम तोड़ने से बचें
इन दिनों सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए। एक चीन का था। जहां पर कोहरे की वजह से पुल के ऊपर 200 से ज्यादा गाड़ियां आपस में टकरा गईं। ट्रक कारों पर चढ़ गए। दूसरा वीडियो देश के किसी हाईवे का था।
कार का सफर हर मौसम में यात्रा को आरामदायक बना देता है। गर्मी में गर्मी नहीं लगती। बारिश में भीगने से बच जाते हैं। सर्दी में हीटर चालू करने बाद टेम्परेचर ठंड का पता नहीं चला। हालांकि, सर्दी के मौसम में कोहरा आपके सफर को खरतनाक बना सकता है। इन दिनों सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए। एक चीन का था। जहां पर कोहरे की वजह से पुल के ऊपर 200 से ज्यादा गाड़ियां आपस में टकरा गईं। ट्रक कारों पर चढ़ गए। वहीं, दूसरा वीडियो देश के किसी हाईवे का था। जहां पर एक के बाद एक गाड़ियों पीछे से एक-दूसरे को टक्कर मारती नजर आ रही थीं। इन गाड़ियों की स्पीड तो ज्यादा नहीं थी, लेकिन कोहरे ने इस स्पीड को आउट ऑफ कंट्रोल कर दिया।
इन दिनों सर्दी का प्रकोप देशभर में जारी है। खासकर, उत्तर भारत में कड़कड़ाती ठंड पड़ रहा है। बर्फीली हवाओं के साथ कोहरे ने यातायात को प्रभावित किया है। ट्रेन लेट हो रही हैं, तो फ्लाइट भी कैंसिल हो रही है गाड़ियों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। इसके बाद भी कोहरे की वजह से एक्सीडेंट की खबरे आए दिन आ रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, ठंड और कोहरे का सिलसिला अभी जारी रहने वाला है। ऐसे में आप कार ड्राइव करके कहीं बाहर निकल रहे हैं, तब आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ताकि आप और कार दोनों सुरक्षित रहें।
कोहरे में गाड़ी चलाते वक्त इन 4 बातों का रखें ध्यान
1. कार की स्पीड और लेन
कोहरे में तेज गति से गाड़ी चलाने से बचें। कोहरे आपकी गाड़ी की स्पीड इतनी होना चाहिए कि आपको सड़क या सामने की तरफ चलने वाली गाड़ी नजर आती रहे। कई बार कोहरा इतना ज्यादा होता है कि 20 से 30 किमी प्रति घंटा की स्पीड भी ज्यादा हो जाता है। यदि कोहरा ज्यादा है तब गाड़ी की रफ्तार भी धीमी होना चाहिए। इतना ही नहीं, जरूरी है कि गाड़ी को अपनी लेन पर चलाएं। बार-बार लेन बदलने से पीछे से आने वाले गाड़ी आपको टक्कर मार सकती है।
2. लो-बीम पर हो हेडलाइट
कोहरे ज्यादा है तब हेडलाइट को हाई-बीम पर रखना काफी खतरनाक हो सकता है। हाई-बीम पर लाइट फैल जाती है और कोहरे में वाहन चलाते समय हाई-बीम पर लाइट रखने से सामने कुछ भी दिखाई नहीं देता है। ऐसे में हेडलाइट को लो-बीम पर ही चलाएं। लो-बीम पर हेडलाइट से नजदीकी एरिया ज्यादा बेहतर नजर आता है। इससे कोहरे में देखने की विजिबिलिटी बढ़ जाती है।
3. फॉग लैंप का यूज करें
कोहरे के दौरान गाड़ी में लगे फॉग लैंप सबसे यूजफुल होते हैं। यह गाड़ी के आगे और पीछे दोनों तरफ लगे होते हैं। अगर आपकी कार में यह फीचर नहीं है तो आप बाहर से भी फॉग लैंप लगवा सकते हैं। इससे सड़कों पर विजिबिलिटी बढ़ जाती है। फॉग लैम्प का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इसने सामने की विजिबिलिटी बढ़ जाती है। साथ ही, ये पीछे भी हैं तब पीछे से आने वाली कार के लिए भी अलर्ट रहता है।
4. डिफॉगर ऑन रखें
ठंड के मौसम में कार के केबिन और बाहर के तापमान में अंतर होने के कारण शीशों पर धुंध जमने लगती है। जिससे कार चलाने में प्रॉब्लम होती है। ऐसे में कोहरे के वक्त डिफॉगर ऑन रखना चाहिए। इससे विंडशील्ड का टम्प्रेचर बढ़ जाता है, जिससे धुंध नहीं जमती। यदि कार का टेम्परेचर बाहर तुलना में अंदर ज्यादा होता है तब अक्सर फॉग आने लगता है। ऐसे में इस टेम्परेचर को बैलेंस करने के लिए डिफॉगर का इस्तमाल करना जरूरी हैता है।
अंदर फॉग आ रहा तब क्या करें?
सर्दी के मौसम में कई बार ड्राइविंग के दौरान कार की विंडशील्ड पर फॉग जम जाता है। बाहर का टेम्परेचर कम होने और अंदर का टेम्परेचर ज्यादा होने के चलते जब ठंडी हवा कार की विंडशील्ड से टकराती है तो वह भाप बन जाती है। विंडशील्ड पर जमी भाप के चलते ड्राइवर को कार चलाने में परेशानी होती है अक्सर हादसे हो जाते हैं। इससे बचन के लिए आप कार के हीटर को चालू कर सकते हैं। इससे कार के अंदर मौजूद नमी खत्म हो जाती है। कुछ देर तक कार के केबिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पर ही बनाए रखें। ऐसा करने से कार के अंदर की नमी 10 गुना तक कम हो जाती है। इस दौरान एयर फ्लो विंडशील्ड की तरफ होना चाहिए।
इमरजेंसी इंडिकेटर का यूज नहीं करें
कोहरे के समय इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन करने से बचना चाहिए। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि गाड़ी मोड़ते वक्त आप इंडिकेटर का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसे में पीछे या आगे से आ रही गाड़ी से एक्सीडेंट होने खतरा बन जाता है। इसकी जगह हेडलाइट का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि आप सामने भी कोई ऐसी गाड़ी जा रही है जिसके इमरजेंसी इंडिकेटर ऑन है तब उससे बचकर चलें। खासकर जब वो टर्न लेगी तब आपके लिए खतरा पैदा कर सकती है।
सर्दी में बदल जाता है स्पीड लिमिट का नियम
भारत में नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड को लेकर अलग-अलग नियम हैं। नेशनल हाईवे पर कार के लिए जहां 100km/h की अधिकतम स्पीड लिमिट तय की गई है, तो एक्सप्रेस-वे पर ये लिमिट 120km/h की है। स्पीड लिमिट टू-व्हीलर और हैवी व्हीकल के लिए भी अलग-अलग है। टू-व्हीलर के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट 80km/h और हैवी व्हीकल, जैसे बस और ट्रक के लिए स्पीड लिमिट 100km/h तक है। इतना ही नहीं, सर्दी के मौसम में स्पीड लिमिट को घटा दिया जाता है। यानी हल्के वाहनों की स्पीड 100km/h के बजाय 80km/h घंटा कर दी जाती है। जबकि भारी वाहनों के लिए अधिकतम रफ्तार 60km/h तक हो जाती है।
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