कार में 6 एयरबैग जरूरी नहीं, गडकरी के इस बयान का फायदा इस कंपनी को मिलेगा; पिछले साल से कर रही थी विरोध
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कारों के लिए 6 एयरबैग नियम को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। देश में कई व्हीकल मैन्युफैक्चर्स पहले से ही 6 एयरबैग दे रही हैं।

कारों की सेफ्टी के लिए सरकार द्वारा कई नए नियम तैयार किए गए हैं। किसी भी कार के बेस वैरिएंट में 8 से 10 सेफ्टी फीचर्स मिल रहे हैं। कारों में 1 अक्टूबर, 2023 से 6 एयरबैग का नियम भी लागू होने वाला था, लेकिन अब इस पर सरकार के द्वारा ही ब्रेक लगा दिया गया है। दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कारों के लिए 6 एयरबैग नियम को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। देश में कई व्हीकल मैन्युफैक्चर्स पहले से ही 6 एयरबैग दे रही हैं। वे उन कारों का ऐड भी कर रही हैं। ऐसे में 6 एयरबैग अनिवार्य किए जाने की जरूरत नहीं है।
एक साल के लिए बढ़ा दी थी टाइमलाइन
सालभर पहले 29 सितंबर, 2022 को नितिन गडकरी ने कहा था कि 1 अक्टूबर, 2023 से 6 एयरबैग का नियम हर कार के लिए अनिवार्य किया जाएगा। इससे पहले इस नियम को 2022 में ही लागू किया जाना था, लेकिन फिर इसे एक साल के लिए टाल दिया गया था। ऐसे में अब ये नियम 1 अक्टूबर, 2023 से लागू किया जाना था। हालांकि, अब एक बार फिर पैसेंजर को एयरबैग से मिलने वाली सुरक्षा टल गई है। हालांकि, अब जब कंपनियां अपने हिसाब से कारों में एयरबैग्स देंगी तो उनकी कीमत स्थिर रह सकती हैं।
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मारुति की छोटी कारों को राहत
गडकरी के बयान के बाद मारुति सुजुकी इंडिया को जरूर राहत मिली होगी। दरअसल, पिछले साल जून में कंपनी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा था कि सरकार की 6 एयरबैग पॉलिसी का असर उसकी छोटी कारों पर पड़ेगा। ऐसे में कंपनी उन्हें बंद करने में संकोच नहीं करेगी। हर कार में 6 एयरबैग के नियम के चलते मारुति की सस्ती हैचबैक आम लोगों के बजट के बाहर चली जाएगी। उन्होंने कहा था कि 6 एयरबैग्स के नियम को लागू करने के फैसले से छोटी हैचबैक कारों की कीमतें तो बढ़ जाएंगे, लेकिन इससे रोड एक्सीडेंट के मुद्दे से निपटने में मदद नहीं मिलेगी। रोड एक्सीडेंट में मरने वाले लोगों को लेकर कुछ और सोचना होगा। कंपनी कॉम्पैक्ट कार सेलिंग से कोई लाभ नहीं कमाती हैं।
छोटी कारों का बड़ा खिलाड़ी है मारुति
देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनियों में मारुति पहले नंबर पर है। देखा जाए तो हर महीने उसमें और दूसरी टॉप कंपनी के बीच 50% से ज्यादा का अंतर होता है। इस अंदर के पीछे मारुति की छोटी हैचबैक कारों का डिमांड का होना है। इन दिनों मारुति वैगनआर, स्विफ्ट, सेलेरियो, ऑल्टो, एस-प्रेसो की हाई डिमांड है। कंपनी की कुल बिक्री में ये 5 मॉडल 60 से 70% तक रेवेन्यू देते हैं। हालांकि, इन सभी मॉडल के बेस वैरिएंट में सिर्फ 2 एयरबैग ही मिल रहे हैं। ऐसे में यदि इनके बेस वैरिएंट में 6 एयरबैग लगाए गए तो 60 हजार रुपए तक कीमत बढ़ जाएगी।
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5 लाख की कार में 6 एयरबैग महंगा सौदा
भार्गव ने कहा था कि 6 एयरबैग्स लगाने से एंट्री-लेवल कार में 60 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हो जाएगी, जो किसी भी एंट्री लेवल कार के लिए बड़ा मार्जिन है। इस वजह से कंपनी कुछ मॉडल के कुछ वैरिएंट को बंद कर सकती है। जिन मॉडल में चार एयरबैग दिए जाएंगे उनके कई स्ट्रक्चरल चेंजेस करने होंगे। साइड एयरबैग फ्रंट सीट के पीछे की तरफ बी-पिलर के ऊपर कर्टेन एयरबैग होंगे। जिन कारों में अभी सिर्फ 2 एयरबैग आते हैं उन्हें इस तरह के स्ट्रक्चरल चेंजेस से गुजरने होंगे। इसके लिए एक्स्ट्रा निवेश भी करना होगा। जबकि 6 एयरबैग प्रीमियम कारों में समझ आते हैं। जिन कारों की कीमत 5 लाख से कम है उनकी कॉस्ट बढ़ जाएगी। अभी एंट्री लेवल कार में सिर्फ 2 एयरबैग जोड़ने पर ही 30 हजार रुपए का खर्च आ रहा है।
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