Hindi Newsऑटो न्यूज़Small cars likely to stage comeback by 2026 says RC Bhargava

मारुति चेयरमैन का बयान: जिन छोटी कारों पर भारी पड़ रहीं SUVs, 2 साल के अंदर बाजार में फिर होगा उनका दबदबा

  • हर महीने जब कारों की सेल्स रिपोर्ट आती है, तब उसमें कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी नजर आते हैं। इसमें जो बड़ा बदलाव देखने को मिलता है वो छोटी हैचबैक की जगह छोटी SUVs की सेल्स में इजाफा होना है।

Narendra Jijhontiya लाइव हिन्दुस्तानThu, 4 April 2024 08:36 AM
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हर महीने जब कारों की सेल्स रिपोर्ट आती है, तब उसमें कुछ चौंकाने वाले नतीजे भी नजर आते हैं। इसमें जो बड़ा बदलाव देखने को मिलता है वो छोटी हैचबैक की जगह छोटी SUVs की सेल्स में इजाफा होना है। पिछले कुछ सालों से SUVs का सेल्स ग्राफ तेजी से बढ़ा है। जिसके चलते छोटी हैचबैक की सेल्स काफी डाउन हुई है। मारुति, टाटा और हुंडई जैसी कंपनी के छोटे मॉडल ही सर्वाइव कर पा रहे हैं। दूसरी कंपनियों की कारों के लिए बिक्री की राह मुश्किल होती जा रही है। इस बीच, मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव का छोटी कारों को लेकर सुकून भरा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि 2026 तक छोटी कार मार्केट में फिर से वापसी करेंगी।

SUVs के सामने छोटी कारों का संघर्ष
दरअसल, भार्गव ने ET को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि आने वाले दो सालों में छोटी कारों की फिर से वापसी हो सकती है। क्योंकि ग्राहकों अपनी आय के हिसाब से स्कूटर और मोटरसाइकिल को इन छोटी कारों से अपग्रेड कर सकते हैं। उन्होंने इस बात से मना कर दिया कि लोग टू-व्हीलर को छोड़कर मिडियम साइज की कार और SUVs की तरफ जा रहे हैं। फाइनेंशियल ईयर 2024 में भारत की रिकॉर्ड कार की बिक्री में SUVs के बढ़ते कद के बीच छोटी कारों ने काफी संघर्ष किया है। हालांकि, मारुति छोटी कारों के मामले में पहली पोजीशन पर बनी रही।

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बायोफ्यूल पर भी फोकस करना जरूरी
भार्गव ने बाताया कि देश के अंदर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस करना जरूरी नहीं है, क्योंकि बिजली पैदा करने के लिए कोयला इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत के बायोफ्यूल जैसे इथेनॉल और CNG जैसी कई टेक्नोलॉजी की मदद से भी उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। कंपनी अभी एक भी इलेक्ट्रिक कार नहीं बेच रही है, लेकिन उसके पास हाइब्रिड और CNG कारों की बड़ा पोर्टफोलियो है।

छोटी कारों की बिक्री तेजी से गिरी
फाइनेंशियल ईयर 2024 में SUV की शानदार डिमांड के चलते पैसेंजर व्हीकल इंडस्ट्री में 8.7% की वृद्धि हुई, जबकि स्मॉल कार की बिक्री 12% गिर गई। फाइनेंशियल ईयर 2023 में ओवरऑल व्हीकल सेल्स में छोटी कारों की हिस्सेदारी 34.4% से गिरकर 27.7% पर आ गई। जबकि फाइनेंशियल ईयर 2028 में ये आंकड़ा 47.4% का था।

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सेफ्टी फीचर्स ने कारों को महंगा किया
भार्गव ने कहा कि एंट्री लेवल कारों की कीमतें पिछले कुछ सालों में ग्राहकों की आय की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी हैं, जिसके असर इनकी डिमांड पर भी हुआ है। कारों की इनपुट कॉस्ट, इंश्योरेंस चार्जेज, रोड टैक्स, उच्च उत्सर्जन और सेफ्टी नॉर्म्स के चलते भी कारों की कीमतों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि टू-व्हीलर खरीदारों ने अब बाजार में लौटना शुरू कर दिया है। वे जल्दी छोटी कारों की तरफ भी लौटेंगे इस बात की भी गारंटी है।

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