पॉलिसीबाजार की 'मंथली मोड' कार बीमा पॉलिसी शुरू, जानिए आपको कैसे फायदा मिलेगा?
- कार खरीदते वक्त ग्राहकों की जेब पर इंश्योरेंस अतिरिक्त भार डाल देता है। खासकर कार नहीं है तब बीमा ज्यादा महंगा पड़ता है। साथ ही, इसे हर साल रिन्यू करवाने के लिए कई बार बजट का इंतजाम करना पड़ जाता है।

कार खरीदते वक्त ग्राहकों की जेब पर इंश्योरेंस अतिरिक्त भार डाल देता है। खासकर कार नहीं है तब बीमा ज्यादा महंगा पड़ता है। साथ ही, इसे हर साल रिन्यू करवाने के लिए कई बार बजट का इंतजाम करना पड़ जाता है। ऐसे में ग्राहकों की इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए इंडियन इंश्योरेस एग्रीगेटर और मल्टीनेशनल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी पॉलिसीबाजार ने 'मंथली मोड' कार बीमा पॉलिसी शुरू की है। ये कार मालिकों को ट्रेडिशनल एनुअल कार बीमा योजनाओं के लिए एक फ्लेग्जिबल और सुविधाजनक ऑप्शन रहेगा।
मंथली मोड कार बीमा पॉलिसी ग्राहकों को या तो स्टैंडअलोन OD पॉलिसी के रूप में या एक व्यापक पॉलिसी के शॉर्ट-टर्म OD घटक के रूप में शॉर्ट-टर्म आउन डैमेज (OD) बीमा खरीदने का ऑप्शन प्रदान करती है। एक व्यापक पॉलिसी का थर्ड पार्टी (TP) कम्पोनेंट पूरी पॉलिसी ड्यूरेशन के लिए सक्रिय रहेगा और इसे छोटी ड्यूरेशन में विभाजित नहीं किया जा सकता है। यह सुनिश्चित करता है कि OD कवरेज के लिए फ्लेग्जिबल प्रदान करते हुए TP कवरेज लगातार बना रहे।
मंथली मोड पॉलिसी की मुख्य विशेषताएं
कवरेज ड्यूरेशन: मंथली मोड पॉलिसी केवल सिलेक्टेड महीने के लिए कवरेज प्रदान करेगी। प्रत्येक ड्यूरेशन के आखिर में अगले महीने के लिए एक यूनिक पॉलिसी नंबर वाली एक नई पॉलिसी जारी की जाएगी, जिससे लगातार कवरेज सुनिश्चित होगा।
नो क्लेम बोनस (NCB): यदि पॉलिसी ड्यूरेशन के अंदर कोई दावा किया जाता है, तो NCB पहले साल के लिए तय रहता है। हालांकि, भुगतान में चूक करने वाले पॉलिसीधारक अपने संचित NCB को खो देंगे, जिससे अगली पॉलिसी के लिए अधिक प्रीमियम देना होगा। 12 महीनों के बाद, NCB शून्य पर रीसेट हो जाएगा।
बीमित घोषित मूल्य (IDV): वाहन का IDV पहले 12 पॉलिसी रीन्यूवल के लिए स्थिर रहेगा, लेकिन इसमें एंडोर्समेंट मामलों शामिल नहीं होंगे। स्टैंडर्ड IDV डेप्रिसिएशन 13वें रीन्यूवल से लागू किया जाएगा।
अंडरराइटिंग गाइडलाइन: शुरुआती 12 महीने की ड्यूरेशन के दौरान मंथली मोड के तहत खरीदी गई पॉलिसियों के लिए पॉलिसी अंडरराइटिंग गाइडलाइन को चेंज नहीं किया जा सकेगा।
पेमेंट के लिए ई-मैंडेट: ग्राहक UPI या नेट बैंकिंग ई-मैंडेट के माध्यम से ऑटो-डेबिट निर्देश आसानी से सेट कर सकते हैं, जिससे परेशानी मुक्त और समय पर प्रीमियम भुगतान सुनिश्चित होता है।
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