इस कंपनी के पीछे ऐसे पड़े लोग, बना डालीं 3 करोड़ से ज्यादा कारें; अब बनाया 28 मॉडल बेचने का मास्टर प्लान
- मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने 3 करोड़ (30 मिलियन) से ज्यादा यूनिट के प्रोडक्शन का आंकड़ा पार कर लिया है। इस शानदार रिकॉर्ड के साथ उसके नाम नई उपलब्धि जुड़ गई है।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने 3 करोड़ (30 मिलियन) से ज्यादा यूनिट के प्रोडक्शन का आंकड़ा पार कर लिया है। इस शानदार रिकॉर्ड के साथ उसके नाम नई उपलब्धि जुड़ गई है। इस उपलब्धि में कंपनी के मानेसर गुरुग्राम (हरियाणा) और हंसलपुर (गुजरात) मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में किया गया प्रोडक्शन शामिल है। कंपनी ने दिसंबर 1983 में प्रोडक्शन शुरू किया था। यानी 40 साल और 4 महीने में उसने ये शानदार उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने हरियाणा स्थित प्लांट में 2.68 करोड़ से अधिक व्हीकल का प्रोडक्शन किया है। वहीं गुजरात में 32 लाख से अधिक व्हीकल का प्रोडक्शन हुआ।
देश में गतिशीलता क्रांति की शुरुआत करने वाले प्रतिष्ठित M800 ने 29 लाख से अधिक यूनिट के साथ इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, ऑल्टो 800, ऑल्टो K10, स्विफ्ट, वैगनआर, डिायर, ओमनी, बलेनो, ईको, ब्रेजा और अर्टिगा जैसे सफल मॉडल भी टॉप लिस्ट में शामिल हैं। शुरुआत से ही कंपनी घरेलू बाजार में अपनी बढ़त बनाए हुए है। बेहतर प्रोडक्ट, टेक्नोलॉजी, ब्रॉड सेल्स, सर्विस नेटवर्क और दमदार सप्लाई ने कंपनी को मजबूत बनाने का काम किया है। कंपनी ने 1987 में एक्सपोर्ट शुरू किया थी। आज भारत से कुल व्हीकल एक्सपोर्ट में लगभग 40% का योगदान देती करती है।
कंपनी की उपलब्धि पर मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं CEO हिसाशी ताकेउचि ने कहा, "हम अपने ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने 1983 में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के बाद से साल दर साल हमारे प्रोडक्ट के प्रति अपना असीम विश्वास बनाए रखा है। इन सालों में हम अपने चुस्त कार्यबल और वैल्यू सीरीज भागीदारों के निरंतर सहयोग के साथ प्रोडक्शन को अधिकतम बनाने में सक्षम हुए हैं, जिन्होंने हमें ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप उत्पाद बनाने में मदद की है। हम 'मेक इन इंडिया' के प्रति प्रतिबद्ध हैं और घरेलू और वैश्विक बाजारों की जरूरतों को पूरा करते हुए देश में अपने संचालनों को सशक्त बना रहे हैं। हम भारत से कुल व्हीकल एक्सपोर्ट में लगभग 40% का योगदान करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पैसेंजर व्हीकल मार्केट है। आने वाले सालों में और मजबूत होने के लिए तैयार है। ग्राहकों की मांग और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, हम आगे निवेश करने और फाइनेंशियल ईयर 2030-31 तक अपनी सालाना प्रोडक्शन कैपेसिटी में 4 मिलियन यूनिट तक की वृद्धि करने की योजना बना रहे हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए हम खरखौदा-हरियाणा और गुजरात में दो नए ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेंगे। जिनमें प्रत्येक की प्रोडक्शन कैपेसिटी 10 लाख होगी। हम फाइनेंशियल ईयर 2030-31 तक अपने मॉडलों की सीरीज को मौजूदा 18 से बढ़ाकर 28 तक कर देंगे।''
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