ई-चालान नहीं भरा तो सस्पेंड होगा ड्राइविंग लाइसेंस! जानिए सरकार का नया कड़ा नियम
अब सरकार ने एक नया ड्राफ्ट नियम प्रस्तावित किया है, जिसमें ई-चालान का भुगतान न करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस (DL) निलंबित करने का प्रावधान रखा गया है। आइए इसके बारे में जरा विस्तार से समझते हैं।

भारत में ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए ई-चालान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब कोई व्यक्ति यातायात नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके नाम पर इलेक्ट्रॉनिक चालान जारी किया जाता है, जिसमें उसे जुर्माना भरने के लिए कहा जाता है। हालांकि, कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं और चालान का भुगतान नहीं करते। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक केवल 40% चालानों की ही वसूली हो पाई है, जबकि कई राज्यों में बड़ी संख्या में लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं। अब सरकार ने एक नया ड्राफ्ट नियम प्रस्तावित किया है, जिसमें ई-चालान का भुगतान न करने वालों का ड्राइविंग लाइसेंस (DL) निलंबित करने का प्रावधान रखा गया है।
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सरकार का नया नियम
नए नियम के तहत, चालान जारी होने के तीन महीने के भीतर भुगतान करना अनिवार्य होगा। अगर कोई व्यक्ति इस अवधि में चालान नहीं भरता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, अगर कोई एक वित्तीय वर्ष में तीन से अधिक चालान प्राप्त करता है, विशेष रूप से सिग्नल तोड़ने या खतरनाक ड्राइविंग के लिए, तो उसका लाइसेंस तीन महीने के लिए जब्त किया जा सकता है। इस सख्ती से उम्मीद है कि लोग समय पर चालान भरेंगे और ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे।
ई-चालान का भुगतान न करने पर बढ़ेगा बीमा प्रीमियम
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ई-चालानों को वाहन बीमा से जोड़ने की योजना भी बना रही है। अगर किसी वाहन मालिक के पिछले फाइनेंशियल इयर में दो या अधिक चालान बकाया हैं, तो उसे अगले साल अधिक बीमा प्रीमियम देना पड़ सकता है।
ट्रैफिक नियमों के लिए नई तकनीक का होगा इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में 23 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी व्यवस्था की प्रगति पर रिपोर्ट दाखिल करें। मोटर व्हीकल एक्ट (CMVA) की धारा 136A के तहत सरकार ने CCTV कैमरा, स्पीड गन, बॉडी-वॉर्न कैमरा और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट डिटेक्शन सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जिससे यातायात नियमों का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
देश में ई-चालान की वसूली की स्थिति कैसी है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई राज्यों में ई-चालान की वसूली बेहद कम है। दिल्ली में केवल 14% चालानों की ही वसूली हो पाई है। कर्नाटक में यह 21%, जबकि तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 27% है। वहीं, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में यह दर 62-76% के बीच है।
लोग ट्रैफिक चालान क्यों नहीं भरते?
विशेषज्ञों के अनुसार, लोग लेट अलर्ट और गलत चालानों की वजह से इन्हें नजरअंदाज करते हैं। सरकार इस समस्या को हल करने के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) लाने की योजना बना रही है। इसमें कैमरों की न्यूनतम स्पेसिफिकेशन तय करने और चालान की सही जानकारी वाहन मालिक तक पहुंचाने के उपाय शामिल होंगे।
सड़क सुरक्षा सुधारने की दिशा में भारत के प्रयास
भारत में सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार लगातार सख्त नियम लागू कर रही है। कई राज्यों में नए ट्रैफिक नियमों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, केरल ने हाल ही में ड्राइविंग टेस्ट को और अधिक सख्त बना दिया है, जिससे केवल योग्य और जिम्मेदार ड्राइवरों को ही लाइसेंस मिल सके।
सरकार के इस नए नियम से यह साफ हो गया है कि अब ट्रैफिक चालान को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। अगर आप भी चालान नहीं भरते हैं, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हो सकता है और बीमा प्रीमियम भी बढ़ सकता है। इसीलिए, समय पर चालान भरें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें, ताकि आपका सफर सुरक्षित और परेशानी-मुक्त बना रहे।
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