इस राज्य के लोगों का घूम गया मूड, इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने में नंबर-1; इस प्रदेश के ग्राहक सबसे पीछे
भारत में राज्यवार EV बिक्री में उत्तर प्रदेश राज्य सबसे आगे रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक का नंबर आता है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
भारत का ऑटोमोटिव बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। पर्यावरणीय चिंताओं और क्लीन एनर्जी के प्रति बढ़ती रुचि ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की लोकप्रियता को नया आयाम दिया है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पेश किए गए विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी ने EV सेगमेंट को गति दी है। आइए भारत में राज्यवार EV बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालते हैं। इसके साथ ही जानते हैं कि कौन सा राज्य ईवी अपनाने में कितना आगे और पीछे है।
मिलती जुलती गाड़ियाँ
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राज्यवार EV बिक्री के आंकड़े
1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2024 के बीच उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक EVs की बिक्री की, जो 6,65,247 यूनिट्स रही। EV अपनाने में इस राज्य की हिस्सेदारी 4.34% है।
महाराष्ट्र ने 4,39,358 EVs के साथ दूसरा स्थान हासिल किया और इसकी हिस्सेदारी 3.97% रही।
कर्नाटक में 3,50,810 EVs रजिस्टर्ड हुए, लेकिन इसके उच्च रोड टैक्स के कारण कुल वाहन रजिस्ट्रेशन में EV की हिस्सेदारी 4.8% रही।
दिल्ली कुल बिक्री में पीछे है, लेकिन EV अपनाने में सबसे आगे है। यहां 27,99,571 वाहनों में से 2,16,084 EVs हैं, जो 7.72% हिस्सेदारी को दर्शाता है।
अन्य राज्य में ईवी की बिक्री
राजस्थान: 2,33,503 EVs (3.60%)
बिहार: 2,14,921 EVs (3.73%)
तमिलनाडु: 2,28,850 EVs (2.7%)
कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में EV अपनाने की दर बहुत कम है, आइए एक नजर ऐसे राज्यों पर डालते हैं।
कम EV अपनाने वाले क्षेत्र
लक्षद्वीप: 0.69%
लद्दाख: 0.45%
अरुणाचल प्रदेश: 0.03%
नागालैंड: 0.02%
भारत में EV क्रांति की वजह
EVs की बिक्री में वृद्धि के पीछे मुख्य कारण सरकारी पहल और सब्सिडी स्कीम हैं। इसमें FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles) स्कीम का अहम रोल है। यह योजना EVs और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रोत्साहन देने के लिए 11,500 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू की गई। इसके अलावा PLI ऑटो योजना, PM E-Drive योजना और EVs की बढ़ती लोकप्रियता है।
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