दुनिया को हेलमेट की सुरक्षा देने भारत ने किया नेतृत्व, 2030 तक दुर्घटनाओं को 50% कम करने का लक्ष्य
- भारत ने माराकेच, मोरक्को में आयोजित चौथे ग्लोबल मंत्री स्तरीय रोड सेफ्टी सम्मेलन में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में ग्लोबल नेतृत्व की भूमिका निभाई। इस सम्मेलन का आयोजन मोरक्को सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया।
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भारत ने माराकेच, मोरक्को में आयोजित चौथे ग्लोबल मंत्री स्तरीय रोड सेफ्टी सम्मेलन में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में ग्लोबल नेतृत्व की भूमिका निभाई। इस सम्मेलन का आयोजन मोरक्को सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.2 मिलियन से अधिक लोगों की जान जाती है। इससे यह 5 से 29 साल की उम्र के लोगों के लिए सबसे बड़ी मृत्यु का कारण बन गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए दुनियाभर के नेताओं ने सम्मेलन की थीम "Commit to Life" के तहत सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के रोड सेफ्टी विशेष दूत जीन टॉड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षित और किफायती हेलमेट पहल पर चर्चा का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया में हाई क्वालिटी वाले और किफायती हेलमेट उपलब्ध कराना है। इस पहल में भारत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जहां सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री अजय टम्टा, स्टीलबर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक और वैश्विक हेलमेट विशेषज्ञ राजीव कपूर, उद्योग संगठन SIAM और सड़क सुरक्षा से जुड़ी कई प्रमुख भारतीय एनजीओ ने हेलमेट की उपलब्धता और सख्त प्रवर्तन पर अपने विचार शेयर किए।
भारत हेलमेट निर्माण और सुरक्षा जागरूकता में ग्लोबल सेंटर बन चुका है। इस सम्मेलन में उद्योग जगत से केवल स्टीलबर्ड हेलमेट्स और राजीव कपूर को अपनी रणनीतिक योजना प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। कपूर ने भारत की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, "भारत केवल हेलमेट बनाने का सेंटर नहीं है, बल्कि हम दुनिया में बदलाव ला रहे हैं। हमारी प्राथमिकता हाई क्वालिटी वाले हेलमेट को सभी के लिए किफायती और सुलभ बनाना है। सुरक्षा किसी विशेष वर्ग की सुविधा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है।"
हालांकि, हेलमेट से मस्तिष्क की चोट का खतरा 74% तक कम होता है और मृत्यु की संभावना छह गुना घट जाती है। इसके बाद भी महंगे दाम, उपलब्धता की कमी और कमजोर कानूनों के कारण करोड़ों बाइक सवार हेलमेट नहीं पहनते। संयुक्त राष्ट्र की पहल के तहत UN सुरक्षा मानकों के अनुसार हेलमेट की कीमत 20 अमेरिकी डॉलर से कम रखने का लक्ष्य रखा गया है ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग भी इन्हें खरीद सकें।
इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सड़क सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों जैसे- कानूनों को सख्त बनाने, नई परिवहन तकनीकों, फंडिंग और अफ्रीकी देशों की विशेष सड़क सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी देशों ने सख्त नियम, अधिक जागरूकता और हेलमेट के अनिवार्य उपयोग के प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया।
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