Hindi Newsऑटो न्यूज़Hero Electric Okinawa Benling for alleged FAME subsidy fraud

हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा और बेनलिंग पर FAME सब्सिडी में फ्रॉड का आरोप; CBI और ED कर सकती हैं जांच!

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों द्वारा सरकार से मिलने वाली सब्सिडी में फ्रॉड की खबर सामने आई है। जिसके बाद भारत सरकार कई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैन्युफैक्चर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की संभावना का मूल्यांकन कर रही है।

Narendra Jijhontiya लाइव हिन्दुस्तानWed, 20 March 2024 08:49 AM
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इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों द्वारा सरकार से मिलने वाली सब्सिडी में फ्रॉड की खबर सामने आई है। जिसके बाद भारत सरकार कई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मैन्युफैक्चर्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की संभावना का मूल्यांकन कर रही है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मैन्युफैक्चर्स पर फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) स्कीम के तहत धोखाधड़ी से सब्सिडी का दावा करने का आरोप है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विवादित राशि की वसूली के लिए भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा बार-बार प्रयास किए जाने के बावजूद हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक और बेनलिंग इंडिया जैसी कंपनियां कथित तौर पर गलत तरीके से दावा की गई सब्सिडी चुकाने में विफल रही हैं। मंत्रालय FAME योजना से संबंधित कथित धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच करने और आपराधिक इरादे के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों से सहायता मांग सकता है।

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ET की रिपोर्ट में कहा गया है कि मंत्रालय FAME योजना से संबंधित धोखाधड़ी गतिविधियों की जांच के लिए CBI या प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों की मदद भी ले सकता है। रिपोर्ट में तीन ईवी मैन्युफैक्चर्स (हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा, बेनलिंग) उन फर्मों में से हैं जिन्होंने कथित तौर पर सबसे अधिक मात्रा में गलत सब्सिडी का दावा किया है। FAME योजना के तहत सबसे बड़ा अनपेड बकाया है। हालांकि, कथित अनियमितताओं की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है।

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भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई FAME योजना पात्र निर्माताओं को सब्सिडी देती करती है। हालांकि, इस कार्यक्रम के तहत कुछ कंपनियों द्वारा संभावित दुरुपयोग या धोखाधड़ी वाले दावों को लेकर चिंताएं पैदा हो गई हैं। यदि इन कंपनियों पर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाती है, तो इसका ईवी इंडस्ट्री पर भी पड़ सकता है। यह सरकारी सब्सिडी के किसी भी संभावित दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी के रूप में काम कर सकता है।

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