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Wedding Card Vastu: शादी का कार्ड कैसा होना चाहिए, क्या है शुभ रंग? जानिए वास्तु नियम

  • Vastu Tips for Wedding Card: वास्तु के अनुसार, आमतौर पर शादी का कार्ड बनवाते समय जाने-अनजाने में कुछ गलतियां हो जाती है। जिसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए शादी के कार्ड से जुड़े कुछ वास्तु के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 15 Feb 2025 09:19 AM
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Wedding Card Vastu: शादी का कार्ड कैसा होना चाहिए, क्या है शुभ रंग? जानिए वास्तु नियम

Vastu Tips for Wedding Card: हिंदू धर्म में सभी संस्कारों में विवाह संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसके बाद से ही नवविवाहित जोड़े के जीवन की नई शुरुआत होती है। इसलिए विवाह से जुड़ी हर एक परंपरा और रीति-रिवाज के नियमों का बड़े सावधानी से पालन किया जाता है। शादी से पहला लोगों को आमंत्रण देने के लिए इनविटेशन कार्ड बनवाया जाता है। फैशन के दौरान में कई बार जाने-अनजाने में शादी का कार्ड में रंग या डिजाइन समेत कुछ छोटी-छोटी गलतियां हो जाती है। वास्तु में कुछ तरह के कार्ड को शुभ नहीं माना गया है। मान्यता है कि इसका जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए शादी का कार्ड बनवाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं...

शादी के कार्ड का वास्तु

वास्तु के अनुसार, शादी का कार्ड लाल या पीले रंग का होना चाहिए। वहीं, काला, नीला और भूरे रंग का शादी का कार्ड नहीं बनवाना चाहिए। यह नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।

वास्तु के मुताबिक, चौकोर आकार का कार्ड सबसे अच्छा माना जाता है। शादी के कार्ड का चार कोना सुख-समृद्धि, सौभाग्य और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि तिकोना या पत्ते के आकार का इनविटेशन कार्ड बनवाने से बचना चाहिए।

वास्तु एक्सपर्ट आचार्य मुकुल रस्तोगी के अनुसार, शादी का कार्ड तैयार होने के बाद सबसे पहले कार्ड गणेशजी को अर्पित करना चाहिए। हिंदू धर्म में गणेशजी को प्रथम पूजनीय देवता माना गया है और मांगलिक कार्यों की शुरुआत गणेशजी की पूजा-अर्चना से होती है। मान्यता है कि इससे शुभ कार्यों की सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। इसके बाद विवाह का दूसरा निमंत्रण लक्ष्मी-नारायण को देना चाहिए। तीसरा निमंत्रण हनुमान जी को देना चाहिए और चौथा निमंत्रण अपने कुलदेवी या कुलदेवता को देना चाहिए। पांचवां निमंत्रण पितरों के आशीर्वाद के लिए होना चाहिए।

शादी के कार्ड पर नृत्य करते हुए गणेशजी की तस्वीर न छपवाएं। यह शुभ प्रतीक नहीं माना जाता है। इसके अलावा शादी के कार्ड में सुगन्धित कागज का इस्तेमाल कर सकते हैं या सुगंध डाल सकते हैं।

शादी के कार्ड में स्वास्तिक, कलश, नारियल और गणेशजी की चित्र बनवा सकते हैं। कार्ड पर गणेश मंत्र लिखवाना न भूलें।

कार्ड अगर बच जाए, तो इसे बेड में डालकर रख न दें या कूड़े दान में न फेंके। कार्ड में गणेशजी की प्रतिमा छपी होती है। कूड़े में कार्ड फेंकने से गणेशजी का अपमान हो सकता है। इसलिए बचे हुए शादी के कार्ड में से कुछ संभालकर अपने पास रख लें और कुछ कार्ड को नदी या तालाब में विसर्जित कर दें।

शादी के कार्ड पर हल्दी, केसर की छींटे लगाएं और मिठाई के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों को भेजना चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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