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देशभर में धूम-धाम से मनाया जाता है विवाह पंचमी का त्योहार

  • हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माने जाने वाले पर्व विवाह पंचमी का उत्सव कल यानी शुक्रवार 6 दिसंबर को पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का स्मरण कराता है और इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 5 Dec 2024 04:55 PM
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हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ माने जाने वाले पर्व विवाह पंचमी का उत्सव कल यानी शुक्रवार 6 दिसंबर को पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का स्मरण कराता है और इसे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। पंडित सूर्यमणि पांडेय ने बताया कि विवाह पंचमी हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह जनकपुर में संपन्न हुआ था। इस दिन को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के विवाह के रूप में भी देखा जाता है, क्योंकि श्रीराम को विष्णु का सातवां अवतार और सीता को लक्ष्मी का अवतार माना जाता है।

अद्भुत उत्सव: यह पर्व विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। मंदिर में भगवान राम और माता सीता के प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन होता है। भारत के अन्य हिस्सों जैसे अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन और दक्षिण भारत में भी विवाह पंचमी पर भजन, कीर्तन और धार्मिक आयोजनों का आयोजन होता है। मंदिरों को फूलों और दीपों से सजाया जाता है और भक्त भगवान राम-सीता की पूजा कर अपने जीवन में समृद्धि की कामना करते हैं। आचार्य पप्पू पांडेय कहते हैं कि विवाह पंचमी केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भगवान राम और माता सीता के आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक है। इस दिन को मनाने से पारिवारिक जीवन में प्रेम, त्याग और समर्पण के आदर्श स्थापित होते हैं।

उत्सव की अद्वितीयता: विवाह पंचमी का पर्व केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को प्रेम, अनुशासन और आदर्श जीवन का संदेश भी देता है। भगवान राम और माता सीता के आदर्श विवाह का यह दिन श्रद्धालुओं के लिए भक्ति, आस्था और आध्यात्मिक उत्थान का अद्भुत अवसर होगा। विवाह पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि यह भगवान राम और माता सीता की अमर कथा को पीढ़ी दर पीढ़ी जीवित रखने का अवसर भी है। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति से मनाने से हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

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