विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 21 सितंबर को, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त व चंद्रोदय टाइम व व्रत का महत्व
- Vighnaraja sankashti chaturthi Pujan Muhurat: चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित है। इस दिन गणपति बप्पा व चंद्रदेव की पूजा-अर्चना का विधान है। जानें विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजन का शुभ मुहूर्त व चंद्रोदय का समय-
Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024: हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इसे आश्विन संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। व्रत का पारण चंद्र दर्शन या चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। जानें विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजन मुहूर्त, चंद्रोदय टाइम व महत्व-
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कब है- चतुर्थी तिथि 20 सितंबर 2024 को रात 09 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगी और 21 सितंबर 2024 को शाम 06 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत 21 सितंबर 2024, शनिवार को रखा जाएगा।
चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त- इस दिन चंद्र दर्शन का समय रात 08 बजकर 28 मिनट है। इसके बाद आप चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पारण कर सकते हैं।
चतुर्थी व्रत का महत्व- चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत करने वाले व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होते हैं। जीवन में व्याप्त सभी परेशानियों व दुखों से छुटकारा मिलता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजन मुहूर्त-
प्रातः सन्ध्या- 04:57 ए एम से 06:08 ए एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:49 ए एम से 12:37 पी एम तक
विजय मुहूर्त- 02:15 पी एम से 03:03 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:18 पी एम से 06:41 पी एम तक।
अमृत काल- 08:13 पी एम से 09:41 पी एम तक।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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