Vastu Tips:घर के नैऋत्य कोण में क्या होना चाहिए-क्या नहीं? वास्तु एक्सपर्ट से जानें सबकुछ
- Vastu Tips : वास्तु में पूर्व-पश्चिम समेत 8 दिशाओं का अलग-अलग महत्व हैं। इस दिशा में वास्तु के कुछ नियमों का खास ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Vastu Tips For South-West Direction in Hindi : वास्तु में दिशाओं का विशेष महत्व है। मान्यता है कि पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण,उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण), दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण),उत्तर-पश्चिम दिशा(वायव्य कोण)और दक्षिण -पश्चिम दिशा (नैऋत्य कोण) समेत सभी 8 दिशाओं में वास्तु की कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए और चीजों को सही दिशा में रखना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। नैऋत्य कोण में वास्तु के कुछ नियमों का पालन करके जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा के स्वामी राहु होते हैं। इस दिशा में पृथ्वी तत्व की प्रमुखता होती है। आइए वास्तु सलाहकार आचार्य मुकुल रस्तोगी से जानते हैं कि घर के नैऋत्य कोण में क्या होना चाहिए और क्या नहीं?
नैऋत्य कोण में क्या होना चाहिए और क्या नहीं?
दक्षिण-पश्चिम दिशा मास्टर बेडरूम के लिए उत्तम माना गया है। इस दिशा में घर के मुखिया का शयनकण होना चाहिए।
नैऋत्य कोण में पानी का कोई भी स्त्रोत उपलब्ध नहीं होना चाहिए।
इस दिशा में शौचालय का निर्माण करवाना भी उत्तम नहीं माना गया है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोईघर का भी निर्माण नहीं करना चाहिए। इससे घर में नेगेटिविटी बढ़ सकती है।
इस दिशा में भारी समान रखा जा सकता है। मान्यता है कि इससे जीवन में स्थायित्व आता है।
इस दिशा में गड्ढे,बोरिंग,कुआ और पूजाघर नहीं होना चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि नैऋत्य कोण में निर्मित सीढ़ियां क्लॉक वाइज घुमती हुई होनी चाहिए।
पूरे घर के प्रत्येक कमरे की तुलला में नैऋत्य कोण अधिक भारी और ऊंचा होना चाहिए।
इस दिशा में ढलान नहीं होना चाहिए। भूमि का ढलान हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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