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Utpanna Ekadashi 2024:3 शुभ योगों में रखा जाएगा उत्पन्ना एकादशी व्रत,नोट कर लें सही डेट, पूजाविधि और पारण टाइमिंग

  • Utpanna Ekadashi 2024 Date : दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन विष्णुजी की पूजा-आराधना करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 16 Nov 2024 06:51 PM
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Utpanna Ekadashi 2024 : प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। यह विशेष दिन विष्णुजी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित माना जाता है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थी। उत्पन्ना एकादशी के दिन विष्णुजी की पूजा और व्रत-उपवास से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 26 नवंबर को 3 शुभ योगों में उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही डेट, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और पारण टाइमिंग...

कब है उत्पन्ना एकादशी ?

दृक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 26 नवंबर 2024 को सुबह 01 बजकर 01 मिनट पर होगा और अगले दिन 27 नवंबर 2024 को सुबह 03 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 26 नवंबर 2024 को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

शुभ योग : 26 नवंबर 2024 को उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और द्विपुष्कर योग समेत 03 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इसलिए इस दिन विष्णुजी की पूजा-अर्चना का महत्व कहीं अधिक बढ़ जाता है।

पारण टाइमिंग : 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने वाले जातक 27 नवंबर 2024 को द्वादशी तिथि में दोपहर 01:02 पीएम से लेकर 03:07 पीएम तक व्रत का पारण कर सकते हैं।

उत्पन्ना एकादशी की पूजाविधि :

उत्पन्ना एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

स्वच्छ कपड़े धारण करें और पूजा आरंभ करें।

विष्णुजी की विधि-विधान से पूजा करें

उन्हें फल,फूल,धूप-दीप,अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें।

विष्णुजी के मंत्रों और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

शाम को दोबारा विष्णुजी की पूजा करें और पीले फलों और मिठाई का भोग लगाएं।

अगले दिन विधि-विधान से व्रत का पारण करें और ब्राह्मणों को भोजन करें।

दान-दक्षिणा देकर स्वंय भी पारण करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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