Hindi Newsधर्म न्यूज़Utpanna Ekadashi 2024 Dos and Donts avoid these 6 things during ekadashi vrat

Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी के दिन इन 6 कार्यों को होती है मनाही, जानें क्या करें-क्या नहीं?

  • Utpanna Ekadashi 2024 Do's and Dont's : उत्पन्ना एकादशी के दिन विष्णुजी की पूजा-आराधना बेहद शुभ फलदायी माना जाती है, लेकिन इस दिन व्रती को कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

Arti Tripathi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 18 Nov 2024 07:22 PM
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Utpanna Ekadashi 2024 : हर साल मार्गशीर्ष माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। यह दिन विष्णुजी जी के साथ देवी एकादशी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु जी के अंश देवी एकादशी प्रगट हुई थीं। इसलिए इस दिन को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। दृक पंचांग के अनुसार, इस साल 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। इस दिन विष्णुजी और एकादशी देवी की पूजा के साथ कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी माना गया है। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें और क्या नहीं?

उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या न करें?

एकादशी व्रत के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है। इसलिए विष्णुजी की पूजा के लिए एकादशी व्रत से एक दिन पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लेना चाहिए।

एकादशी व्रत में बाल और नाखून कटवाना वर्जित माना गया है।

एकादशी व्रत के बाद द्वादशी तिथि में ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन करवाना चाहिए।

एकादशी व्रत के दौरान क्रोध से बचें और मधुर वचन बोलना चाहिए।

इस व्रत में दशमी तिथि से ही मांस-मदिरा समेत सभी तामसिक भोजन का सेवन करना निषेध माना जाता है।

एकादशी के दिन घर में झाड़ू नहीं लगाना चाहिए क्योंकि इससे चींटी समेत सभी सूक्ष्म जीवों की मृत्यु रहता है।

इस दिन व्रती को अधिक नहीं बोलना चाहिए। वाणी पर संयम बनाए रखें और अपशब्दों का इस्तेमाल न करें।

उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें?

उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु और देवी एकादशी की विधिवत पूजा करें।

विष्णुजी की पूजा के दौरान भोग में तुलसी का पत्ता जरूर शामिल करें। मान्यता है कि इसके बिना विष्णुजी भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

पूजा के दौरान विष्णुजी के ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।

व्रत में फल जैसे केला, अंगूर,आम और बादाम, पिस्ता का सेवन कर सकते हैं।

किसी मंदिर में अन्न-धन इत्यादि का दान करें। गरीबों और जरुरतमंदों को भोजन खिलाएं।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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