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Surya Gochar kanya 2024:सूर्य का कन्या राशि में गोचर, राहु की भी नजर, इन 6 राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव

  • आत्मा के कारक ग्रह सूर्य का गोचरीय दृष्टिकोण से परिवर्तन भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को दिन में 11:17 बजे अपनी राशि सिंह से बुध की राशि कन्या में होने जा रहा है। जानें इससे तुला से लेकर मीन राशियों पर क्या प्रभाव होगा

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठीMon, 16 Sep 2024 03:57 PM
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आत्मा के कारक ग्रह सूर्य का गोचरीय दृष्टिकोण से परिवर्तन भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 17 सितंबर 2024 दिन मंगलवार को दिन में 11:17 बजे अपनी राशि सिंह से बुध की राशि कन्या में होने जा रहा है। कन्या राशि का स्वामी ग्रह होता है। बुध,जो सूर्य का मित्र ग्रह होता है। इस प्रकार कन्या राशि में भी सूर्य का पूर्ण प्रभाव मिल पाएगा। यद्यपि कन्या राशि के अंतिम अंशो में सूर्य निचाभिलाषी स्थिति को प्राप्त करने लगता है, फिर भी यहां सूर्य का उत्तम परिणाम देखने को मिलेगा। आम जनमानस में सुखों की कमी देखने को मिलेगी, क्योंकि राहु की दृष्टि भी सूर्य पर होगा । ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी से जानें सूर्य गोचर का इन 6 राशियों पर प्रभाव-

तुला : एकादश भाव का कारक ग्रह होकर द्वादश भाव में गोचर करेंगे। इससे व्यापारिक विस्तार में खर्च की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस अवधि में आय से अधिक खर्च की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दूरस्थ यात्रा पर खर्च बढ़ सकता है। प्रतियोगिता में एवं शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है। आंखों की समस्या के कारण तनाव उत्पन्न हो सकता है। सरकारी तंत्र से अवरोध उत्पन्न हो सकता है। पैतृक संपत्ति का विवाद हो सकता है।

वृश्चिक :दशम भाव के कारक होकर के लाभ भाव में गोचर करेंगे। इससे आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। व्यापारिक विस्तार एवं अचानक धन लाभ की स्थिति बन सकती है। संतान पक्ष एवं अध्ययन अध्यापन को लेकर सामान्य तनाव संभव है। परिश्रम एवं पदोन्नति में सामान्य अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव हो सकता है। शेयर बाजार से लाभ हो सकता है।

धनु : भाग्य का कारक ग्रह होकर दशम भाव में गोचर करेंगे। इससे परिश्रम में वृद्धि तथा सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति बन सकती है। सीने या हृदय रोग से संबंधित समस्या से जूझ रहे लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है। गृह एवं वाहन सुख पर खर्च बढ़ सकता है अथवा गृह एवं वाहन की क्षति हो सकती है। अचल संपत्ति से संबंधित विवाद के कारण तनाव हो सकता है।

मकर : अष्टम भाव का कारक ग्रह होकर नवम भाव में गोचर करेंगे। इससे पराक्रम एवं पुरुषार्थ में तीव्रता बढ़ेगी। पराक्रम या खेल क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए उपलब्धि कारक समय रहेगा। धार्मिकता में कमी आ सकती है। अधिक परिश्रम के बाद भी परिणाम कम प्राप्त होगा। स्वास्थ्य के कारण भी कार्यों में व्यवधान हो सकता है। भाई बहनों तथा मित्रों को लेकर समय या धन खर्च हो सकता है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर इस अवधि में विशेष रूप से सतर्क रहें।

कुंभ : सप्तम भाव का कारक ग्रह होकर अष्टम भाव में गोचर करेंगे। इससे वाणी की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है। पारिवारिक कार्यों को लेकर तनाव की स्थिति बन सकती है। अचानक धन खर्च बढ़ सकता है। पेट एवं पैर की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दैनिक आय में अवरोध अथवा तनाव की संभावना बनेगी। आंखों की समस्या इस अवधि में बढ़ सकती है।

मीन : छठे भाव का कारक ग्रह होकर सप्तम भाव में गोचर करेंगे। इससे अति धनिष्ठा लोगों के स्वास्थ्य के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर तनाव हो सकता है। प्रेम संबंधों में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। दैनिक रोजगार अथवा लाभ में व्यवधान हो सकता है। तीव्रता में वृद्धि के कारण मानसिक उलझन बढ़ सकता है। सरकारी तंत्र से अवरोध हो सकता है। हड्डियों में दर्द भी इस अवधि में बढ़ सकता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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