Hindi Newsधर्म न्यूज़Why eat Khichdi on the day of Makar Sankranti 2022 Read here the legend related to Baba Gorakhnath - Astrology in Hindi

मकर संक्रांति के दिन क्यों खाते हैं खिचड़ी? पढ़ें यहां बाबा गोरखनाथ से जुड़ी पौराणिक कथा

मकर संक्रांति 2022: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 व 15 जनवरी को भी मनाया जाएगा।  मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दाने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, खिचड़ी का संबंध ग्रहों से...

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीFri, 14 Jan 2022 10:15 AM
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मकर संक्रांति 2022: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 व 15 जनवरी को भी मनाया जाएगा।  मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दाने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, खिचड़ी का संबंध ग्रहों से है। मकर संक्रांति की खिचड़ी में चावल, काली दाल, हल्दी, मटर और हरी सब्जियों का विशेष महत्व है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र की शांति का महत्व है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काली दाल से शनि, राहु व केतु का महत्व है। हल्दी का गुरुदेव बृहस्पति से संबंध है। हरी सब्जियों का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है। कहते हैं कि जब खिचड़ी पकती है, तो उसकी गर्माहट का संबंध मंगल और सूर्य से है। इसलिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने व दान करने का महत्व है। कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का सेवन करने से सभी ग्रह शांत होते हैं और सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।

बाबा गोरखनाथ की कथा-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की मान्यता बाबा गोरखनाथ से जुड़ी है। मान्यता है कि खिलजी के आक्रमण के दौरान बाबा गोरखनाथ के योगी खाना नहीं बना पाते थे। भूखे रहने के कारण हर उनका शरीर कमजोर होता जा रहा था। योगियों की बिगड़ती हालत को देखकर बाबा ने उन्हें चावल में हरी सब्जियों को मिलाकर पकाने की सलाह दी। यह भोजन कम समय में तैयार हो जाता था और ऊर्जा भी मिलती थी। बाबा गोरखनाथ ने इस भोजन को खिचड़ी का नाम दिया। यही कारण है कि गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति के दिन मेला लगता है और बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है।

यह आलेख धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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