Hindi Newsधर्म न्यूज़Why do we do Parikrama of Giriraj mountain on the day of Govardhan Puja know its importance

गोवर्धन पूजा के दिन क्यों करते हैं गिरिराज पर्वत की परिक्रमा, जानें क्या है इसका महत्व

गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसके पास भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा रखी जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन परिक्रमा किए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

Archana Pathak लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीWed, 26 Oct 2022 01:50 PM
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हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस साल सूर्य ग्रहण लगने की वजह से गोवर्धन पूजा दिवाली के 2 दिनों बाद मनाई जा रही है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।

गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर उसके पास भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा रखी जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन परिक्रमा किए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। गोवर्धन पर्वत को ही गिरिराज पर्वत भी कहते हैं।

 आइए जानते हैं गोवर्धन परिक्रमा का महत्व-

श्रीमद्भागवत के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज के लोगों को जब गोवर्धन पर्वत और गाय की पूजा करने के लिए कहा तो इससे स्वर्ग के देवता इंद्र नाराज हो गए और ब्रज में मूसलाधार वर्षा करने लगे। जिससे ब्रज के लोगों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली से उठा लिया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत के परिक्रमा करने से भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है इसलिए इस दिन गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण को अन्नकूट भगवान श्री कृष्ण को छप्पन भोग लगाए जाते हैं।

गोवर्धन पूजा कभी भी अकेले नहीं करनी चाहिए इसे हमेशा घर परिवार रिश्तेदार या पड़ोसियों के साथ करना चाहिए। परिक्रमा करते वक्त खील और बताशे अर्पित करें। परिक्रमा को भूलकर- भी अधूरा ना छोड़े।

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