कौन हैं एकादशी देवी, कब उत्पन्न हुईं एकादशी देवी, भगवान विष्णु से क्या है रिश्ता ?
हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी देवी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्न हुई थीं। इस कारण इनका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इस बार यह एकादशी 20 नवंबर को है। क
हिंदू पंचांग की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं। एकादशी देवी मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्न हुई थीं। इस कारण इनका नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इस बार यह एकादशी 20 नवंबर को है। कहा जाता है कि युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से ‘एकादशी’ की उत्पत्ति और उनके व्रत के संबंध में प्रश्न किया था, तो श्रीकृष्ण ने उन्हें एक कथा सुनाई।
सतयुग में ‘मुर’ नाम के बलशाली असुर ने स्वर्ग को जीत लिया था। देवराज इंद्र देवताओं सहित स्वर्ग से निष्कासित होकर मृत्यु लोक पर रहने लगे। अपनी हार से पीड़ित और अपमानित देवता भगवान शिव की शरण में गए। वहां पहुंच कर उन्होंने अपना दुख उनके सामने रखा। इंद्र की दुखभरी प्रार्थना सुन कर भगवान शंकर ने उन्हें भगवान विष्णु के पास जाने को कहा।
यह सुनकर इंद्रादि सहित सभी देवता क्षीरसागर पहुंचते हैं। वहां वे भगवान विष्णु को महा बलशाली और क्रूर असुर ‘मुर’ के आतंक की कथा सुनाते हैं। और उस राक्षस से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करते हैं। भगवान विष्णु देवताओं को विश्वास दिलाते हैं कि वे जल्दी ही मुर का वध कर उन्हें उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलवाएंगे।
भगवान विष्णु और राक्षस मुर में काफी लंबा युद्ध चलता है। युद्ध के समय भगवान विष्णु को नींद आने लगती है और वे विश्राम करने के लिए एक गुफा में सो जाते हैं। भगवान विष्णु को सोता देख मुर उन पर आक्रमण कर देता है। लेकिन इसी दौरान भगवान विष्णु के शरीर से एक कन्या उत्पन्न होती है। वे मुर से युद्ध करने लगती हैं और उसका वध कर देती हैं। भगवान विष्णु को नींद खुलने पर पता चलता है कि किस तरह उस कन्या ने मुर का वध कर उनकी रक्षा की है। यह जानकर वे अति प्रसन्न होते हैं, और कहते हैं कि एकादशी तिथि को मुझसे उत्पन्न होने के कारण तुम ‘उत्पन्ना एकादशी’ के नाम से विख्यात होंगी। इस तिथि पर मेरा ध्यान करते हुए जो भी तुम्हारा व्रत और पूजन करेगा, उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे और उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।
अरुण कुमार जैमिनि
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