Makar Sankranti 2024 Kab hai:मकर संक्रांति पर शतभिषा नक्षत्र के साथ रवियोग, सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति
Shatabhisha Nakshatra on Makar Sankranti:मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को रवियोग के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। सूर्य मकर राशि में 15 को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसके कारण पूरे दिन मकर संक
Sankranti मकर संक्राति को लेकर भ्रम की स्थिति है कि 14 को मनेगा या 15 जनवरी को। ज्योतिषियों और पंडितों के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनायी जाएगी। पंडित सुभाष शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी को रवियोग के शुभ संयोग में मनाया जाएगा। सूर्य मकर राशि में 15 को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसके कारण पूरे दिन मकर संक्रांति का पर्व मनेगा। मकर संक्रांति पर शतभिषा नक्षत्र के साथ रवियोग का भी संयोग बना रहेगा।
इस दिन गंगा स्नान कर श्रद्धालु सूर्यदेव की पूजा कर दान-पुण्य करने के साथ अपने और अपने परिवार, समाज की खुशहाली की कामना करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास भी समाप्त हो जाएगा। इसके बाद मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्य आशमा शर्मा के अनुसार 2025 व 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी और 2027 व 2028 में 15 जनवरी को मनेगी। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के साथ सूर्य देव को अर्घ्य व पूजा अर्चना करने से परिवार में कुशलता बनी रहती है। स्वास्थ्य उत्तम रहने के साथ यश-कीर्ति में वृद्धि होती है। गंगा स्नान का इस दिन विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन व दक्षिणायन को देवताओं की रात के तौर पर माना जाता है। भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए इस दिन तांबे के पात्र में जल के साथ काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। सूर्य और शनि दोनों ग्रह पराक्रमी हैं। ऐसे में जब सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो शनि की प्रिय वस्तुओं के दान से भक्तों पर सूर्य की कृपा बरसती है। साथ ही मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है। मकर संक्रांति के दिन तिल से निर्मित वस्तुओं का दान करने से शनिदेव की विशेष कृपा घर परिवार में बनी रहती है।
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