दिसंबर में Ekadashi कब? नोट कर लें डेट, मुहूर्त और पूजा विधि
Utpanna Ekadashi 2023: उत्पन्ना एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी पर विष्णु भगवान की विधिवत उपासना करने से व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है।
उत्पन्ना एकादशी 2023: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उतपन्ना एकादशी का व्रत रखा जाता है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी पर विष्णु भगवान की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है। हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि विशेष महत्व रखती है। इस साल दिसंबर के पहले हफ्ते में उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसलिए आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की सही डेट, पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और व्रत पारण का समय है।
कब है उत्पन्ना एकादशी?
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत वैसे तो 8 दिसंबर से हो रही है, जो 9 दिसंबर तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि के चलते उत्पन्ना एकादशी का व्रत शुक्रवार, 8 दिसंबर के दिन ही रखा जाएगा।
उत्पन्ना एकादशी शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि की शुरुआत- 05:06 ए एम, दिसंबर 08, 2023
एकादशी तिथि समापन- 06:31 ए एम, दिसंबर 9, 2023
व्रत पारण समय- 01:15 पी एम - 03:21 पी एम, दिसंबर 9, 2023
राहुकाल- 10:55 ए एम - 12:13 पी एम, दिसंबर 8
उत्पन्ना एकादशी पूजा-विधि
स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
भगवान श्री हरि विष्णु का जलाभिषेक करें
प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
विष्णु भगवान को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
संभव हो तो व्रत रखें और व्रत लेने का संकल्प करें
उत्पन्ना एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें
पूरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें
विष्णु जी को तुलसी दल सहित भोग लगाएं
अंत में क्षमा प्रार्थना करें
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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