Vivah Muhurat 2022: आज प्रबोधिमी एकादशी को जगेंगे देव, ज्योतिर्विद से जानें कब से बजेगी शहनाई व नवंबर और दिसंबर के विवाह मुहूर्त
Dev Uthani Ekadashi 2022 Vivah Muhurat: सर्दियों के सीजन का आगाज भले ही जोरदार हो रहा हो, लेकिन नवंबर माह में न के बराबर विवाह मुहूर्त हैं।
Vivah Muhurat 2022 November, December: भगवान श्री विष्णु 4 नवंबर शुक्रवार को प्रबोधिनी एकादशी को निद्रा से जागेंगे। लेकिन इसके बाद भी शादी विवाह में बाधा बनी रहेगी। क्योंकि विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए शुक्र लग्न का उदय रहना आवश्यक है। प्रबोधिनी एकादशी के बाद भी शुक्र के अस्त होने के चलते शुभ मुहूर्त नहीं बन रहे है। ऐसे में शहनाई 24 नवम्बर से बजेगी।
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नवम्बर और दिसम्बर को मिलाकर सिर्फ विवाह के सिर्फ 14 शुभ मुहूर्त हैं। देवोत्थान/प्रबोधिनी एकादशी के बाद 24 नवम्बर को पहला शुभ मुहूर्त है, जबकि 15 दिसम्बर को अंतिम मुहूर्त है। 16 दिसम्बर से मकर संक्रांति तक के लिए फिर से खरमास के कारण शादी विवाह के साथ मांगलिक कार्यक्रमों पर ब्रेक लग जाएगा। पंडित शरद चन्द्र मिश्र के अनुसार चार माह के शयन के बाद प्रबोधिनी एकादशी को भगवान विष्णु जागृत होते हैं।
नवंबर 2022 के विवाह मुहूर्त-
ज्योतिषाचार्य नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सामान्य दिनों में इस खास दिन से ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार शुक्र के अस्त होने के चलते शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं बन रहा है। प्रबोधिनी एकादशी के बाद पहला शुभ मुहूर्त 24 नवम्बर को है। इसके बाद 25 से लेकर 28 नवंबर तक शादी का शुभ मुहूर्त है। इसके बाद फिर दिसंबर माह में शादी का शुभ मुहूर्त होगा।
दिसंबर 2022 के विवाह मुहूर्त-
दिसंबर में पहला शुभ मुहूर्त 2 दिसंबर को है और 15 दिसंबर को आखिरी शुभ मुहूर्त है। इसके बाद 16 दिसंबर से खरमास लग जाएगा। खरमास लगते ही जनवरी में मकर संक्रांति तक एक माह शुभ कार्य नहीं होंगे। नवंबर माह में 24, 25, 26, 27, 28 को और दिसंबर में 2, 3, 4, 7, 8, 9, 13, 14, 15 तारीख तक शुभ मुहूर्त है।
देवोत्थान एकादशी के पर्व को लेकर बाजारों में गन्ने, शकरकंद और सिंघाड़े की खूब बिक्री हुई। इसके लिए बाजारों में खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ने लगी है। असुरन, बिछिया, पादरी बाजार, बशारतपुर, आजाद चौक, मोहद्दीपुर, सूरजकुंड से लेकर गोरखनाथ इलाके में गन्ना, गंजी, सुथनी आदि की खूब बिक्री हुई। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान के साथ होगी। इस दिन शकरकंद, सिंघाड़ा और गन्ना दान करने और खाने का विधान है। बाजार में गंजी 40-45 रुपए किलो, सिंघाड़ा 30 रुपये किलो और गन्ना 20 से 30 रुपए प्रति गन्ना के हिसाब से बिक्री किया गया।
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