दशहरे के दिन पान का बीड़ा खाने और हनुमान जी को अर्पित करने की है परंपरा
दशहरे के दिन पान की बीड़ा खाने और हनुमान जी को अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन हनुमान जी को शाम के समय स्वच्छ कपड़े पहनकर पान की बीड़ा अर्पित करें। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक चलाएं। ऐसा कहा जाता ह
दशहरे के दिन पान की बीड़ा खाने और हनुमान जी को अर्पित करने की परंपरा है। इस दिन हनुमान जी को शाम के समय स्वच्छ कपड़े पहनकर पान की बीड़ा अर्पित करें। इसके बाद चमेली के तेल का दीपक चलाएं। ऐसा कहा जाता है कि बजंरग बली को पान अर्पित करके भगवान सभी कष्टों को हर लेते हैं और जीवन में सुख समृद्धि देते हैं। इसके अलावा दशहरे के लिए पान को खाने की परंपरा है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया तो लोगों ने पान खाकर खुशी व्यक्त की। पान एक तरह से जीत और मान-सम्मान देने का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा नवरात्र की सप्तमी को माता रानी को भी पान का बीड़ा अर्पित करने की परंपरा है। इसलिए पान का पूरा पीड़ा बनवाकर दशहरे पर हनुमान जी अर्पित किया जाता है।
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