Venus transit Libra: शुक्र करेंगे इन राशियों में धमाल, खोलेंगे किस्मत के दरवाजे, दिलाएंगे लाभ
Libra :शुक्र का राशि परिवर्तन 29 की रात को हो रहा है। ऐसे में 30 नवंबर से शुक्र तुला राशि में गोचर करेंगे और इस राशि में रहकर शुक्र विभिन्न राशियों को प्रभावित करेंगे। शुक्र रोमांस और
Venus Transit in Libra शुक्र का राशि परिवर्तन 29 की रात को हो रहा है। ऐसे में 30 नवंबर से शुक्र तुला राशि में गोचर करेंगे और इस राशि में रहकर शुक्र विभिन्न राशियों को प्रभावित करेंगे। शुक्र रोमांस और भौतिक सुख-सुविधाएं दिलाते हैं। इसलिए शुक्र के राशि परिवर्तन से कई राशि के लोगों के रिलेशनशिप अच्छे होंगे, जिनके शादी के लिए रिश्ते होने हैं, उनकी शादी पक्की होंगी और धन के मामले में शुक्र कोई कसर नहीं छोड़ेगे, स्वतंत्र भारत की मूल कुंडली के आधार पर देखा जाए तो वृषभ लग्न से शुक्र छठे भाव में गोचर आरंभ करेगा। छठा भाव रोग, कर्ज तथा शत्रु का भाव होता है। लग्नेश का छठे भाव में स्वगृही गोचर ज्यादा अशुभ फल नहीं प्रदान करेगा। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के वर्चस्व में वृद्धि होगी। पड़ोसियों से तनाव अथवा विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकता है। आम जनमानस में प्रसन्नता का भाव आएगा। भारत के अंतरराष्ट्रीय कोष में वृद्धि होगा तथा भारत के खर्चे में भी वृद्धि होगा। भारत के युवाओं की प्रतिभा निखरेगी। व्यापार के नए स्रोत में वृद्धि हो सकता। नई तकनीकी का विकास सम्भव। कला क्षेत्र के लिए समय अनुकूल। राष्ट्र में अंदर ही विरोधी तत्वों में वृद्धि की संभावना । विदेश से आर्थिक गतिविधियों के लिए समझौता सम्भव। यह अवधि में महिलाओं के दृष्टिकोण से प्रगति वाला होगा।यहां जानें कन्या से मीन तक किन राशियों को शुक्र दिलाएंगे लाभ
कन्या :- धनेश एवं भाग्येश होकर धन भाव में।
पारिवारिक कार्यों में अच्छी प्रगति होगी। धन संबंधित कार्यों में वृद्धि होगा। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। जीवनसाथी से तनाव कम होकर मधुरता में वृद्धि होगी। प्रेम संबंधों में सुधार होगा। पारिवारिक दायित्वों का निर्माण बहुत अच्छी तरीके से होगा। कलात्मक वस्तुओं की तरफ आकर्षण बढ़ेगा। वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल प्रद रहेगा।
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार हीरा या ओपल रत्न धारण करें।
तुला :- लग्नेश एवं अष्टमेश होकर लग्न भाव में।
शुक्र के परिवर्तन से पंच महापुरुष योग का निर्माण होगा। जिससे जीवन में सभी प्रकार की सुखों की प्राप्ति में वृद्धि हो सकती है। मनोबल में वृद्धि होगा। स्वास्थ्य में सुधार होगा। भोग विलासिता में वृद्धि होगी। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम संबंधों में सुधार होगा। वैवाहिक गतिविधियों में चल रहे अवरोध समाप्त होंगे। कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल प्रद रहेगा।
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार ओपल या हीरा रत्न धारण करें।
वृश्चिक :- सप्तमेश- व्ययेश होकर व्यय भाव में।
व्यापारिक गतिविधियों में सकारात्मक प्रगति हो सकता है। दूरस्थ यात्रा का योग बन सकता है । भोग विलासिता के खर्चे में वृद्धि होगा। आंतरिक रोग तथा आंतरिक शत्रुओं के कारण तनाव की संभावना बन सकती है। जीवन साथी से अच्छे संबंध स्थापित होंगे। प्रेम संबंधों में सुधार होगा परंतु खर्चे में वृद्धि हो सकता है। ग्लैमर में वृद्धि होगा।
उपाय :- माता दुर्गा अथवा माता लक्ष्मी की उपासना करते रहे।
धनु :- रोग एवं लाभ के कारक होकर लाभ भाव में।
व्यापारिक विस्तार में वृद्धि के साथ-साथ आय के संसाधनों में वृद्धि हो सकता है। नए कार्य बनेंगे। संतान पक्ष को लेकर समय अनुकूल प्रद रहेगा। अध्ययन अध्यापन में सकारात्मक प्रगति होगी। बुद्धि के बेहतर प्रयोग से धनागम होगा । कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय प्रगति कारक हो सकता है। आंतरिक रोग तथा आंतरिक शत्रु के कारण तनाव की संभावना बन सकती है। एलर्जी की समस्या से बचें।
उपाय :- गायों की सेवा करें । महिलाओं का सम्मान करें।
मकर :- पंचम एवं राज्य के कारक होकर राज्य भाव में।
पंच महापुरुष राज योग का निर्माण होने के कारण सामाजिक पद प्रतिष्ठा सम्मान में वृद्धि हो सकता है। नौकरी में परिवर्तन तथा पद वृद्धि का योग बन सकता है। कार्यस्थल पर कार्यों की सराहना होगी। नए कार्य बने सकते है। मन में उत्साह बना रहेगा। प्रेम संबंधों में सुधार रहेगा। जीवन साथी से अच्छे संबंध स्थापित होंगे। गृह वाहन एवं जमीन जायदाद से जुड़े कार्यों में सफलता मिल सकती है। संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा।
उपाय :- मूल कुंडली के अनुसार ओपल या हीरा रत्न धारण करें।
कुम्भ :- सुखेश एवं भाग्येश होकर भाग्य भाव में।
कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त हो सकता है। पिता का सहयोग सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है। कार्य स्थल पर उच्च अधिकारियों का सहयोग प्राप्त हो सकता है। आंतरिक डर में वृद्धि हो सकती है। कलात्मक कार्यो में वृद्धि हो सकता है। जीवनसाथी से अच्छे संबंध स्थापित होंगे तथा प्रेम संबंधों में सुधार होगा। गृह एवं सुख के संसाधनों में वृद्धि हो सकता है। माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा।
उपाय :- मूल कुंडली की स्थिति के अनुसार हीरा या ओपल रत्न धारण करें।
मीन :- पराक्रम एवं अष्टमेश होकर अष्टम भाव में।
अचानक धन लाभ प्राप्त होने के योग बन सकते हैं। पारिवारिक दायित्व में वृद्धि होगा। पारिवारिक कार्यों को लेकर मन विचलित रह सकता है। पेट एवं आंतरिक समस्या से मन अप्रसन्न रह सकता है। शुगर अथवा एलर्जी की समस्या में वृद्धि हो सकता है। पुराने रोग समाप्त हो सकते हैं। भौतिकता के प्रवाह में वृद्धि हो सकता है।
उपाय :- माता लक्ष्मी एवं माता दुर्गा की पूजा उपासना करते रहें।
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