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Tulsi Vivah 2023 wishes in hindi: लक्ष्मी समान हैं तुलसी महारानी, तुलसी विवाह पर इस तरह दें अपनों को शुभकामनाएं

Tulsi Vivah 2023 wishes in hindi dev uthani ekadashi: तुलसी जी को लक्ष्मी के समान माना गया है। इनकी पूजा विशेष फलदायी है। इसलिए इस दिन आप भी अपने अपनों को तुलसी विवाह की शुभकामनाएं दें।

Anuradha Pandey वरिष्ठ संवाददाता, मेरठThu, 23 Nov 2023 12:59 PM
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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठान एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस बार 23 नवंबर यानि आज गुरुवार को देवउठान एकादशी है। इस दिन शालिग्राम और तुलसी विवाह की विशेष परंपरा भी है। इस दिन विवाह के समय तुलसी और शालीग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक लगाएं। पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें इस बार देवउठान एकादशी 23 नवंबर गुरुवार को है। एकादशी तिथि भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त ही पूजा व्रत आदि किए जाते हैं। पौराणिक दृष्टि से गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को अतिप्रिय है और इस बार देवउठान एकादशी गुरुवार को होने से इस बार देवउठान एकादशी पर किए गए व्रत, पूजा-दान, तीर्थ स्नान आदि अनंत गुना शुभ फल प्रदान करने वाले रहेंगे। तुलसी जी को लक्ष्मी के समान माना गया है। इनकी पूजा विशेष फलदायी है। इसलिए इस दिन आप भी अपने अपनों को तुलसी विवाह की शुभकामनाएं दें।Tulsi Vivah 2023 wishes in hindi message

तुलसा महारानी नमो-नमा:, हर की पटरानी नमो-नमा:
जिस घर में होती है तुलसी, होता है महालक्ष्मी का वास
शुभ तुलसी विवाह

सबसे सुन्दर वो नजारा होगा
दीवारों पर दीयों की माला होगी
हर आंगन में तुलसी माँ विराजेगी
और मां तुलसी का विवाह होगा
शुभ तुलसी विवाह

तुलसी संग शालिग्राम ब्याहे
क्या खूब है इनकी जोड़ी,
तुलसी विवाह संग लगन शुरू हुए
देव जागे, सज गई सभी की डोली
तुलसी विवाह की शुभकामनाएं!

गन्ने के मंडप सजायेंगे हम,
विष्णु- तुलसी का विवाह रचाएंगे हम
मां तुलसी को दुल्हन और शालिग्राम को दुल्हा बनाएंगे हम

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
 तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।

महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। 
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमनः प्रिया।। 
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। 
तुलसी भूर्महालक्ष्मीः पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

 

 

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