Tulsi Vivah 2019 : तुलसी की कैसे हुई थी उत्पत्ति, जानें किस दिशा में तुलसी का पौधा लगाना होता है शुभ
8 नवम्बर को देवउठनी एकादशी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं। देवउठनी एकादशी पर तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरूप...
8 नवम्बर को देवउठनी एकादशी है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं। देवउठनी एकादशी पर तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम का विवाह कराया जाता है। वैसे तो, रोजाना तुलसी पूजन को शुभ माना गया है लेकिन इस दिन तुलसी पूजन को विधि-विधान से करने पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है। बहुत से लोग तुलसी पूजन तो रोजाना करते हैं लेकिन इनमें से कई लोग नहीं जानते कि तुलसी को किस दिशा में लगाना चाहिए। तुलसी को सही दिशा में लगाने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। आइए, जानते हैं, किस दिशा में लगानी चाहिए तुलसी और इससे जुड़ी खास बातें-
कैसे हुई थी तुलसी की उत्पत्ति
धार्मिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि देव और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर मिला, उसी के प्रभाव से ही तुलसी की उत्पत्ति हुई। तुलसी मुख्यता तीन प्रकार की होती हैं- कृष्ण तुलसी, सफेद तुलसी तथा राम तुलसी जिसमें से कृष्ण तुलसी सर्वप्रिय मानी जाती है।
किस जगह पर लगाएं तुलसी का पौधा
तुलसी का पौधा घर के दक्षिणी भाग में नहीं लगाना चाहिए, घर के दक्षिणी भाग में लगा हुआ तुलसी का पौधा फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। तुलसी को घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। ये तुलसी के लिए शुभ दिशा मानी गई है, अगर उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाना संभव न हो तो पूर्व दिशा में भी तुलसी को लगा सकते हैं। रोज सुबह तुलसी को जल चढ़ाएं और सूर्यास्त के बाद तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए।
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