तुलसी पूजा के इन नियमों का करें पालन, मिलेगा श्री हरी विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद, होगी धन-वर्षा
हिंदू धार्मिक मान्यताओं में तुलसी जी का काफी महत्व माना जाता है। वहीं, श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए और कुछ नियमों का ध्यान भी रखना चाहिए।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं में तुलसी जी का काफी महत्व माना जाता है। तुलसी माता की पूजा करने से श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने में भी मदद मिलती है। यह पौधा लगाने और इन्हें पूजने से सुख समृद्धि बढ़ती है साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वहीं, श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए और कुछ नियमों का ध्यान भी रखना चाहिए।
तुलसी पूजन-नियम
हिंदू मान्यताओं के अनुसार तुलसी जी को हर रोज जल देना चाहिए। कभी भी बिना स्नान किए तुलसी के पत्तों को स्पर्श न करें। वहीं, रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में भूलकर भी जल न चढ़ाएं। एकादशी और रविवार के दिन माना जाता है कि तुलसी माता प्रभु श्री हरि विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए इन दोनों दिन तुलसी के पत्ते भी नहीं तोड़ने चाहिए। वहीं, शास्त्रों की माने तो सूर्य के अस्त होने के बाद तुलसी के पत्तों को न तो स्पर्श करना चाहिए और न ही तोड़ना चाहिए।
तुलसी पूजा-विधि
सुबह उठने के बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद तुलसी माता को जल चढ़ाएं। अब इन्हें सिंदूर लगाएं और लाल या गुलाबी रंग के फूल चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी जी के पास घी का दिया चलाएं। घर परिवार में सुख समृद्धि और खुशियां लाने के लिए शाम के वक्त भी तुलसी जी के पास घी का दीपक रखें। तुलसी स्त्रोत का पाठ करने और तुलसी की विधिवत पूजा करने से श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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