Hindi Newsधर्म न्यूज़this Paus touched rain know what the forecast of Ghagh says

इस पौष बरसे बादल, जाने क्या कहती है कवि घाघ की भविष्यवाणी

मौसम और कृषि से जुड़ी कवि घाघ की कहावतें बहुत चर्चित हैं। माना जाता है कि कवि घाघ की ये कहावतें मौसम विज्ञान और कृषि पर पूरी तरह से आज भी खरी उतरती हैं। सन 1753 में जन्म कवि घाघ अकबर के राज दरबार के...

Praveen पं.श‍िवकुमार शर्मा, मेरठ Tue, 12 Jan 2021 03:44 PM
share Share

मौसम और कृषि से जुड़ी कवि घाघ की कहावतें बहुत चर्चित हैं। माना जाता है कि कवि घाघ की ये कहावतें मौसम विज्ञान और कृषि पर पूरी तरह से आज भी खरी उतरती हैं। सन 1753 में जन्म कवि घाघ अकबर के राज दरबार के मौसम वैज्ञानिक थे। अभी पौष माह चल रहा है। जानिए कवि घाघ की मौसम एवं कृषि से जुड़ी ऐसी ही ज्योतिषीय भविष्यवाणियों को।  
’शुक्रवार की बादरी, रही शनिश्चर छाय। कह घाघ सुन भड्डरी बिन बरसे ना जाय।।’ अर्थात शुक्रवार को आकाश में बादल हों और शनिवार तक बादल छाए रहे तो बिना बरसे नहीं जाते हैं। अर्थात बारिश होती है। 

’पूस मास दशमी अधियारी। बदली घोर होय अधिकारी। सावन बदि दशमी के दिवसे। भरे मेघ चारों दिशि बरसे।।’ अर्थात पौष महीने की दशमी को बादल छाए रहे तो अगले वर्ष श्रावण कृष्ण दशमी को घनघोर वर्षा होती है।
’पानी बरसे आधे पूष, आधा गेहूं आधा फूस। अर्थात पौष मास में अमावस्या के आसपास बरसात हो तो अगले रबी के सीजन में गेहूं अधिक मात्रा में पैदा होते हैं।’ इस बार जबसे पौष मास लगा है वर्षा हो रही है। इसका अर्थ यह हुआ कि गेहूं की अगली फसल बहुत अच्छी होने वाली है।

’पूस उजेली सप्तमी, अष्टमी और नवमी जाज। मेघ होय तो जान लो अब शुभ होइहि काज।’ अर्थात पौष मास के शुक्ल पक्ष की भी सप्तमी, अष्टमी और नवमी को यदि आसमान में बादल छाए रहे तो आगे का समय बहुत अच्छा आने वाला है, धन-धान्य की कमी नहीं रहेगी। इस पौष माह में शुक्ल पक्ष की सप्तमी, अष्टमी और नवमी 20, 21 और 22 जनवरी को आएगी। अब देखना यह है कि इन तिथियों में आसमान में बादल रहेंगे या नहीं।
(ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) 
 

अगला लेखऐप पर पढ़ें