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साल के पहले सूर्य ग्रहण से होगी राजनीतिक और आर्थिक उथल पुथल, मेष राशि वाले होंगे सबसे अधिक प्रभावित

surya grahan solar eclipse 2023 date time effects horoscope rashifal : साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को पड़ने वाला है, हालांकि भारत में यह न दिखने की वजह से यहां इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा।

Yogesh Joshi संवाददाता, शाहजहांपुरThu, 20 April 2023 12:07 AM
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साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को पड़ने वाला है, हालांकि भारत में यह न दिखने की वजह से यहां इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा, लेकिन ज्‍योतिषीय दृष्टि से इस ग्रहण से ऐसी आशंका दिखती है कि सूर्य ग्रहण के बाद कोरोना के मामलों में अचानक वृद्धि हो सकती है।

श्री रुद्र बालाजी धाम के पुजारी पंडित कान्हा कृष्ण शुक्ल ने बताया कि 20 अप्रैल दिन गुरुवार को ग्रहण सूर्य के चन्द्रमा के साथ अश्विनी नक्षत्र में रहते हुए दिखाई देगा। अश्विनी नक्षत्र चूंकि केतु का नक्षत्र है। अतः भारत सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना रहेगी, किन्तु स्थिति नियंत्रण में रहेगी।

ग्रहण के समय शनि शतभिषा नक्षत्र में, मंगल आर्द्रा नक्षत्र में तथा केतु स्वाति नक्षत्र में गोचरकर रहे होंगे। शतभिषा, आर्द्रा और स्वाति तीनों राहु के नक्षत्र हैं। अत: इस ग्रहण के समय कुल 6 ग्रह राहु-केतु के नक्षत्रों या उनके सीधे प्रभाव में होंगे, जिसके कारण कोरोना वायरस के मामले बढ़ना तय है। अन्य जीवाणु जन्य रोग भी पैदा हो सकता है।

सूर्य ग्रहण के एक दिन बाद ही गोचर में गुरु मीन राशि को छोड़कर मेष राशि में अश्विनी नक्षत्र, जो कि केतु का नक्षत्र है, में प्रवेश कर जाएंगे, जिससे असामान्य वर्षा, आंधी-तूफ़ान और जीवाणु जन्य रोगों का कुछ समय तक प्रभाव रहेगा।

सूर्य ग्रहण से राजनीतिक और आर्थिक उथल पुथल की संभावना

कान्हा कृष्ण शुक्ल ने बताया कि यह ग्रहण मेष राशि में पड़ रहा है, जो कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का जन्म लग्न है। मेष राशि में पड़ने वाला यह ग्रहण पाकिस्तान में बड़ी राजनीतिक उठा-पटक का संकेत है, जिसमें शाहबाज़ शरीफ की सरकार पर संकट मंडराएगा तथा देश में आपातकाल की स्थिति निर्मित होगी। पाकिस्तान की कुंडली में चल रही शनि में शुक्र में राहु की अशुभ विंशोत्तरी दशा देश में राजनीतिक हिंसा और उपद्रव का योग निर्मित कर रही है जिसमें विदेशी हस्तक्षेप भी हो सकता है। यह ग्रहण आज़ाद भारत की वृषभ लग्न की कुंडली के 12वें यानी हानि भाव में पड़ रहा है। ग्रहण के समय मंगल बुध की राशि मिथुन में तथा बुध मंगल की राशि मेष में हो कर एक अशुभ राशि परिवर्तन योग बनाकर कोई बड़ा आर्थिक घोटाला, जिसके तार विदेश से जुड़े हों, उजागर होने के योग निर्मित कर रहा है।

सोने के दाम बढ़ने की संभावना

  • ग्रहण के समय बुध के सूर्य, चन्द्रमा और राहु से युति होने के चलते सोने के दामों में वृद्धि तथा स्टॉक-मार्किट में बड़ी उथल-पुथल के योग भी निर्मित हो रहे हैं।

सूर्य ग्रहण से मेष राशि पर विशेष प्रभाव

  • मेष, वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन इन 7 राशियों के लिए सूर्य ग्रहण उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। जो 5 राशियां हैं मिथुन, कर्क, सिंह, धनु, कुंभ इनके लिए यह सूर्यग्रहण कुल मिलाकर शुभ फलदायी रहेगा।

खग्रास सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा

  • यह खग्रास सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या गुरुवार को भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार प्रातः 7:05 से दोपहर 12: 29 मिनट तक दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिणी हिंद महासागर, इंडोनेशिया, फिलीपींस तथा दक्षिणी प्रशांत महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण की खग्रास आकृति ऑस्ट्रेलिया के उत्तर पश्चिमी क्षेत्रों न्यू गुयाना, जावा, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के बैरो द्वीप, इंडोनेशिया में पपुआ प्रांत के कुछ हिस्सों में दिखाई देगी। भारत में यह ग्रहण नहीं दिखेगा।

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ग्रहण का प्रारम्भ 07.05 मिनट

खग्रास का प्रारम्भ 08.07 मिनट

परम ग्रास (मध्य) 09.47 मिनट

खग्रास समाप्त 11.27 मिनट

ग्रहण समाप्त 12.29 मिनट

ग्रहण की अवधि 05.24 मिनट

ग्रहण के समय क्या करें

जब ग्रहण का प्रारंभ हो रहा हो ,उस समय स्नान करके संकल्प कर मानसिक पूजन और पाठ करें। ग्रहण के मध्य में जप, हवन करें। ग्रहण के मोक्ष समीप होने पर संकल्प सहित दान करें और पूर्ण मोक्ष होने पर पुनः स्नान करना चाहिए। सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की उपासना, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। धार्मिक ग्रन्थ का पाठ करते हुए प्रसन्नचित्त रहना चाहिए। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मन्त्र का जप करना चाहिए

क्या ना करें

मूर्ति का स्पर्श करना, अनावश्यक खाना-पीना, मैथुन, निद्रा, तैलमर्दन, झूठ-कपटादि, वृथा अलाप, मूत्र-पुरीषोत्सर्ग, नाखून काटना आदि वर्जित है। बालक, वृद्ध,रोगी गर्भवती स्त्रियों को आवश्यकता अनुसार भोजन या दवाई आदि लेने में कोई दोष नहीं है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटने,शयन करने, पापड़ सेकने आदि उत्तेजक कार्य नहीं करने चाहिए। परस्त्री से सम्बन्ध रखने वालों और मदिरा का सेवन करनें वालों को पीड़ा व कष्टप्रद होगा।

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