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Surya Grahan :सूर्य ग्रहण के समय राहु की बन रही है यह स्थिति, जानें किन राशियों के भाग्यशाली साबित होगा यह ग्रहण

मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्या 4 दिसम्बर 2021 दिन शनिवार को खग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन भारत भूमि से दृश्य नहीं है। परन्तु खगोलीय घटना का यह दुर्लभ नजारा भारत भूमि से ग्रहण के रूप...

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीSat, 4 Dec 2021 05:28 AM
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मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्या 4 दिसम्बर 2021 दिन शनिवार को खग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा, लेकिन भारत भूमि से दृश्य नहीं है। परन्तु खगोलीय घटना का यह दुर्लभ नजारा भारत भूमि से ग्रहण के रूप में नही दिखाई देगा | इस कारण से इसकी कोई धर्मशास्त्रीय मान्यता नहीं है, क्योंकि ग्रहण जहां  से दिखाई देता है सूतक भी वहीं लगता है एवं धर्मशास्त्रीय मान्यताएं भी वही लागू होती हैं।   ग्रहण के समय आकाश मंडल में 5 ग्रह केतु, बुध, सूर्य, और चंद्र वृश्चिक राशि में साथ रहेंगे, शुक्र धनु राशि में, मंगल तुला राशि मे, शनि मकर राशि में, गुरु कुम्भ राशि में तथा राहु वृष राशि मे रहेंगे साथ ही सूर्य,चंद्र, बुध पर राहु की दृष्टि एवं शनि पर मंगल एवं राहु की दृष्टि भी पड़ेगी जो एक अशुभ योग का निर्माण है।

इस खग्रास सूर्य ग्रहण को दक्षिणी गोलार्ध के देशों जैसे- ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अटलांटिक महासागर और दक्षिणी हिन्द महासागर से तो भारतीय मानक समय के अनुसार लगभग 10:58 बजे से आरंभ होकर 3:06 बजे तक देखा जा सकेगा। ग्रहण के कारण राजनीतिक उठा- पटक, सामाजिक मतभेद, जनाक्रोश अधिक रहने के साथ-साथ महंगाई में भी वृद्धि की संभावनाएं , बडे स्तरीय सरकारी व्यक्ति सतर्कता बरतें, सरकारी कार्यो में विपक्ष का अवरोध सामने आ सकता है | वृष एवं वृश्चिक राशि / लग्न के जातकों को ग्रहण के कारण थोड़ा कष्ट हो सकता है, अतः उन्हें तीर्थ के जल से स्नान, जप, दान, शिवार्चन, पितरों के लिए श्राद्ध करने से कष्ट दूर होंगे। 

खग्रास सूर्य ग्रहण का विभिन्न राशियों पर पड़ने वाला असर :-
मेष :- वाणी में तीव्रता, पेट व पेशाब की समस्या, क्रोध में वृद्धि, पारिवारिक चिन्ता एवं खर्च में वृद्धि
वृष :- मानसिक चिन्ता, दाम्पत्य में तनाव, रोजगार में वृद्धि, मनोबल में कमजोरी
मिथुन :- पराक्रम वृद्धि, शत्रु विजय ,आँख की समस्या दाम्पत्य एवं प्रेम संबंधों में वृद्धि
कर्क :-  लाभ में वृद्धि,आंतरिक शत्रुओं में वृद्धि, पिता एवं पुत्र को कष्ट, साझेदारी से लाभ
सिंह :- दाम्पत्य जीवन में बाधा, कमर या कंधे में दर्द, वाहन पर खर्च, माता को कष्ट
कन्या :- पराक्रम वृद्धि, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि,मनोबल कमजोर, स्वास्थ्यगत समस्या
तुला :-धन खर्च में वृद्धि,वाणी में तीव्रता, क्रोध में वृद्धि, पेट व पैर की समस्या, घर एवं वाहन सुख में वृद्धि
वृश्चिक :- झल्लाहट में वृद्धि ,दाम्पत्य एवं साझेदारी में तनाव, धन एवं स्वास्थ्य वृद्धि, सम्मान में वृद्धि, 
धनु :- भाग्य में वृद्धि ,पिता का सहयोग ,धार्मिक यात्रा, आँखों की समस्या, खर्च में वृद्धि 
मकर:-आय, धन एवं क्रोध में वृद्धि, संतान को लेकर चिन्ता, पेट की आन्तरिक समस्या या एलर्जी 
कुंभ :- सीने की तकलीफ, व्यय में अधिकता, लाभ में वृद्धि , मानसिक चिन्ता एवं दाम्पत्य में वृद्धि
मीन :- पराक्रम में वृद्धि, कार्य क्षेत्र में बाधा ,मनोबल कमजोर, यात्रा पर खर्च, जीवन साथी को कष्ट

वैसे तो ग्रहण के स्पर्श के समय स्नान पुनः मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए | सूतक लग जाने के बाद मन्दिर में प्रवेश करना , मूर्ति स्पर्श करना , भोजन करना , यात्रा इत्यादि वर्जित है | बालक ,वृद्ध रोगी , अत्यावश्यक में पथ्याहार ले सकते है। ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने का पानी भी ताजा ही लेनी चाहिए | परन्तु दृश्य नही होने पर धार्मिक मान्यताओं का पालन अत्यावश्यक नहीं है। ग्रहीय महत्त्व अवश्य होगा।  अतः गर्भवती महिलाएं पेट पर गाय के गोबर का पतला लेप लगा सकती है | ग्रहण काल में श्रद्धा के साथ श्राद्ध, दान, जप एवं मन्त्र सिद्धि इत्यादि करना उत्तम फलदायी होता है।

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