Surya Grahan : सर्वपितृ अमावस्या पर लगेगा सूर्य ग्रहण, ज्योतिषाचार्य से जानें क्या कर सकेंगे श्राद्ध
सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या 14 अक्तूबर को है। अपने पितरों का अमावस्या को श्राद्ध दान करने से पितर दोष से मुक्त हो जाते हैं। पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।
सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या (महालया) 14 अक्तूबर को है। यह पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सर्वपितृ श्राद्ध किया जाता है, यानी जिन पितरों की पुण्यतिथि परिवारीजनों को याद नहीं है या जिनका श्राद्ध पितृपक्ष के 15 दिनों में न किया गया हो, उनका श्राद्ध व तर्पण इसी दिन किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सर्वपितृ अमावस्या को सभी पितरों का विसर्जन होता है। उन्होंने बताया कि 14 अक्तूबर को कंकण सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण सूतक मान्य नहीं होगा। अमावस्या तिथि 13 अक्तूबर को रात 9:50 से शुरू होकर 14 अक्तूबर रात 11:24 बजे तक रहेगी।
श्राद्ध-दान करने से पितर होते हैं दोष मुक्त
अपने पितरों का अमावस्या को श्राद्ध दान करने से पितर दोष से मुक्त हो जाते हैं। पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। व्यक्ति के सभी मनोरथ पूरे होते हैं। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि अमावस्या को दिन में गोबर के कंडे जलाकर उस पर खीर की आहुति दें। जल के छींटे देकर हाथ जोड़ें और पितरों को नमस्कार करें। गाय को ग्रास, कुत्ते और कौवे को भी भोजन देने से पितृ शांत होते हैं।
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