Hindi Newsधर्म न्यूज़Surya grahan date and time: Do pitr daan Amavasya by this time evening solar eclipse on Bhaumvati Amavasya remedies on wealth and money

Surya grahan: भौमवती अमावस्या पर सूर्य ग्रहण के दिन शाम को करें पितरों का दान और पूजा, ये उपाय भी धनवृद्धि में सहायक

Bhaumvati Amavasya: Do pitr daan Amavasya: प्रत्येक वर्ष दीपावली का पावन पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जिसमें रात्रिकालीन व्याप्त अमावस्या का ही महत्व होता है । इसी कारण से इस

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीTue, 25 Oct 2022 05:24 AM
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प्रत्येक वर्ष दीपावली का पावन पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन मनाया जाता है। जिसमें रात्रिकालीन व्याप्त अमावस्या का ही महत्व होता है । इसी कारण से इस वर्ष उदय कालिक अमावस्या नहीं मिलने के बाद भी दीपावली का पावन पर्व 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। परंतु स्नान दान सहित श्राद्ध की अमावस्या का भी विशेष महत्व होता है। श्राद्ध की अमावस्या में मध्यान्ह व्यापिनी तिथि का विशेष महत्व होता है। इसी कारण से इस वर्ष स्नान दान सहित श्राद्ध एवं तर्पण की अमावस्या 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को होगा।

वैसे अमावस्या तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार को सायं 5:04 से आरंभ होकर 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को शाम 4:35 तक व्याप्त रहेगा।  इसी कारण से श्राद्ध की अमावस्या 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा । मंगलवार के दिन जब अमावस्या पड़ता है तब उसे भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या को सूर्य ग्रहण भी लग रहा है । अतः यह दिन अत्यंत शुभ फल प्रदायक हो जाता है । इस दिन गंगा ,गोदावरी, सरयू नदी सहित किसी भी पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद किसी सरोवर या नदी के तट पर पितरों का श्राद्ध तर्पण दिन के मध्यान्ह काल में करने से पितर देव प्रसन्न होकर का शुभ आशीर्वाद प्रदान करते है। 

अमावस्या के दिन किया जाने वाला ग्रह संबंधित समस्त उपाय 25 अक्टूबर दिन मंगल को ही दिन में सूर्योदय से लेकर के दोपहर 4:35 तक कर लिया जाएगा। जितने लोगों की जन्म कुंडली में राहु नकारात्मक प्रभाव प्रदान कर रहा है। वे सभी लोग इसी अवधि में उपाय संपन्न करके राहु की अशुभता में कमी कर सकते है। साथ ही जितने लोगों की जन्म कुंडली में मंगल द्वारा नकारात्मक प्रभाव प्राप्त हो रहा है । उन सभी लोगों को इस दिन ही श्री हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। मंगल द्वारा प्राप्त नकारात्मक प्रभाव दूर करने तथा मंगल के शुभ प्रभावों में वृद्धि के साथ ही साथ हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्ति के लिए यह दिन इसलिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है । क्योंकि इस बार कार्तिक अमावस्या के साथ-साथ ग्रहण भी लग रहा है । अतः अपने इष्ट देव की अथवा श्री हनुमान जी की आराधना करने से शुभ फलों में वृद्धि होती है । इस दिन श्री हनुमान जी के मंदिर में लाल मसूर की दाल दान करने से भी मंगल जनित दोष दूर होता है। कर्ज से मुक्ति के लिए भी मंगलवार को पड़ने वाला यह अमावस्या अत्यंत महत्वपूर्ण होगा ।

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