Hindi Newsधर्म न्यूज़surya grahan 2022 kab hai: Solar eclipse on mangalwar chant Hanuman Chalisa and Gayatri Mantra during Solar eclipse

surya grahan 2022: आज मंगलवार को सूर्य ग्रहण, इसलिए ग्रहण काल में हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र का जाप करें

surya grahan 2022 kab hai: कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या मंगलवार को आज खंडग्रास सूर्यग्रहण लग रहा है।। भारतीय समयानुसार देश में ग्रहण का स्पर्श 4 बजकर 42 मिनट पर और मोक्ष 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। ग्रहण म

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीTue, 25 Oct 2022 04:26 PM
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कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या मंगलवार को आज खंडग्रास सूर्यग्रहण लग रहा है।। भारतीय समयानुसार देश में ग्रहण का स्पर्श 4 बजकर 42 मिनट पर और मोक्ष 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। ग्रहण मंगलावर को लग रहा है, इसलिए सूर्यग्रहण की स्थिति में गायत्री मंत्र, मृत्युंजय मंत्र, हनुमान चालिसा का जाप करना चाहिए। भोजन सामग्री में कुश रखें। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करना चाहिए। गंगाजल का पूरे घर में छिड़काव करें। इससे धनलक्ष्मी की प्राप्ति होती है। ग्रहण अवधि तक मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। किसी भी देवी-देवता का स्पर्श करने से बचना चाहिए। भोजन नहीं करना चाहिए। संभव हो तो यात्रा करने से भी बचना चाहिए। खासकर गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए। वैसे अबोध बालक, रोगी व वृद्ध अल्पाहार ले सकतें। ग्रहण काल मे ग्रहों की स्थिति के अनुसार मन का कारक ग्रह चंद्रमा तुला राशि में केतु और सूर्य के साथ रहेंगे । अतः चंद्रमा से प्रभावित होने वाले जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद किसी पवित्र नदी यथा गंगा, नर्मदा, रावी, यमुना, सरस्वती, इत्यादि में स्नान करें। यह संभव न हो तो तालाब, कुएं या बावड़ी में स्नान करें। यदि यह भी संभव न हो तो घर पर रखे हुए तीर्थ जल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
★ग्रहण समाप्ति अर्थात मोक्ष होने के बाद स्वर्ण, कंबल, तेल, कपास या मच्छरदानी का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करना चाहिए।
ग्रहण काल मे क्या करें :-
★ भारत मे स्पष्ट रूप से खुली आँखों से दृश्य होने के कारण धर्मिक दृष्टि के साथ साथ ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है।
★ग्रहण शुभ एवं अशुभ दोनों फल प्रदान करता है। अतः यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि आपने किस फल के अनुरूप कार्य किया है।
★खण्ड सूर्य ग्रहण के सूतक काल में दान तथा जापादि का महत्व माना गया है। पवित्र नदियों अथवा सरोवरों में स्नान आदि के बाद मंत्रो का जप किया जाना श्रेष्ठ फल प्रदायक होता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि भी की जाती है। 
★ग्रहण के सूतक तथा ग्रहण काल में व्यक्ति को अपनी इच्छापूर्ति के लिए स्नान, ध्यान, मन्त्र, स्तोत्र-पाठ, मंत्रसिद्धि, तीर्थस्नान, हवन-कीर्तन, दान इत्यादि कार्य करना चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार के बाधाओं से निवृत्ति एवं सुख की प्राप्ति होती है।
★तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर मन प्रसन्न, शुभता प्रदान करने वाला तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं। 
★धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को अपनी लग्न एवं राशि अनुसार अथवा किसी योग्य ब्राह्मण के परामर्श से दान की जाने वाली वस्तुओं को इकठ्ठा कर संकल्प के साथ उन वस्तुओं को योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए।

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