Janmashtami : रोहिणी नक्षत्र न होने की वजह से इस समय मनाया जाएगा भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव, ज्योतिषाचार्य से जानें सबकुछ
Janmashtami 2022 vrat अष्टमी तिथि शुक्रवार को पूरे दिन सम्पूर्ण तिथि शुभ फलदायक है, जो रात्रि 1.06 बजे तक रहेगी। साथ ही रोहिणी नक्षत्र मतावलम्बी कतिपय विशिष्ट वैष्णवजन शनिवार 20 अगस्त को व्रत रखेंगे।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुक्रवार को मनायी जायेगी। इस उपलक्ष्य में व्रत भी शुक्रवार को ही रखा जाएगा। मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा।
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत शुक्रवार को अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र का योग एक साथ न मिलने के कारण अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि में 19 अगस्त दिन शुक्रवार को जन्माष्टमी का व्रत व जन्मोत्सव मनाया जायेगा। इस दिन सबके लिए एक ही दिन एक ही साथ जन्मोत्सव मनाया जायेगा।
अष्टमी तिथि शुक्रवार को पूरे दिन सम्पूर्ण तिथि शुभ फलदायक है, जो रात्रि 1.06 बजे तक रहेगी। साथ ही रोहिणी नक्षत्र मतावलम्बी कतिपय विशिष्ट वैष्णवजन शनिवार 20 अगस्त को व्रत रखेंगे। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत व जन्मोत्सव गृहस्थ जन शुक्रवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन मिलने के कारण शुक्रवार को व्रत रहेंगे व रात्रि में जन्मोत्सव मनाएंगे।
पूजन विधि- पूरे दिन भर व्रत करते हुए सायंकाल भगवान श्रीकृष्ण की झांकी सजाकर श्रीकृष्ण का बाल स्वरूप मूर्ति पालने में रखकर मध्यरात्रि के पहले गौरी, गणेश, वरुण का आवाह्न व पूजन करते हुए मध्यरात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के साथ आवाह्न करके षोडशोपचार पूजन करके पंजीरी व शुद्ध खोये का भोग लगाकर तुलसी पत्र प्रसाद में डालने के बाद आरती करेंगे। श्रीकृष्ण का ध्यान स्तुति कर रात्रि जागरण करना चाहिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।