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Navratri 2020 6th Day: ऋषि कात्यायन की बेटी हैं मां कात्यायनी, पढ़ें जन्म के पीछे की ये पौराणिक कथा

नवरात्रि (Navratri 2020) का आज छठवां दिन है। आज के दिन मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और उनकी हर हाल में मनोकामनाएं पूरी करती...

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीThu, 22 Oct 2020 06:29 AM
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नवरात्रि (Navratri 2020) का आज छठवां दिन है। आज के दिन मां कात्यायनी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता अपने भक्तों के लिए उदार भाव रखती हैं और उनकी हर हाल में मनोकामनाएं पूरी करती हैं। कहते हैं कि मां कात्यायनी प्रसन्न होकर सुयोग्य वर का आशीर्वाद देती हैं और विवाह में आने वाली रुकावटें दूर करती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की कृपा से भक्तों के सभी मंगल कार्य पूरे होते हैं। जानिए मां के जन्म के पीछे की कहानी-

मां कात्यायनी के जन्म के पीछे की कथा-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि कात्यायन देवी मां के परम उपासक थे। एक दिन मां दुर्गा ने इनकी तपस्या से प्रसन्न होकर इनके घर पुत्री के रुप में जन्म लेने का वरदान दिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां को मां कात्यायनी कहा जाता है।

मां कात्यायनी ने किया था महिषासुर का वध-

मान्यता है कि मां कात्यायनी की उपासना से इंसान अपनी इंद्रियों को वश में कर सकता है। मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था। इसलिए ही मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहा जाता है। इसके अलावा माता रानी को दानवों और असुरों का विनाश करने वाली देवी कहते हैं।

भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी मां कात्यायनी की पूजा-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी। कहते हैं कि गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा की थी। मां दुर्गा ने सृष्टि में धर्म को बनाए रखने के लिए यह अवतार लिया था।

(नोट- इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)

 

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