Purnima Vrat October 2023: शरद पूर्णिमा पर ना करें ये गलतियां, इन बातों का रखें ध्यान
Sharad Purnima kab hai: हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस बार 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि आती है।
Purnima Vrat October 2023: हिंदू धर्म में आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व है। इस दिन चंद्रदेव अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि को अमृत की वर्षा भी होती है। इसलिए इस दिन चंद्रमा की किरणों की रोशनी में खीर रखा जाता है और अगले दिन इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस साल 28 अक्टूबर 2023 शनिवार को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी, लेकिन इस बार पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का भी साया रहेगा। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है। इसलिए इस शुभ दिन पर भूलकर भी कुछ काम ना करें। धार्मिक मान्यता है कि इन गलतियों से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है, जिससे लोगों को जीवन धन की तंगी और दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा के दिन किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए-
तामसिक भोजन का सेवन ना करें: शरद पूर्णिमा के दिन मांस-मदिरा के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा इस भोजन में प्याज-लहसुन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है।
दूध का लेन-देन: मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन दूध न तो खरीदना चाहिए और न ही बेचना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है और व्यक्ति को जीवन में चिंताओं का सामना करना पड़ता है।
काले रंग के कपड़े ना पहनें: मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन सफेद रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
गृह-क्लेश से बचें: शरद पूर्णिमा के दिन घर में किसी से बहस करने से बचें। मान्यता है कि इस दिन घर में ज्यादा लड़ाई-झगड़ा होने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है, जिससे परिवार के सदस्यों को धन की तंगी का सामना करना पड़ता है।
सुहागिन महिला का सम्मान करें: मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन घर आई सुहागिन महिला को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। सुहागिन स्त्री को सत्कार करना चाहिए और उन्हें दान देकर ही घर से विदा करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सालभर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।
इस समय दान से बचें: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन सुबह दान-पुण्य के कार्यों का सबसे शुभ समय माना गया है, लेकिन सायंकाल के समय दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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