28 या 29 अक्टूबर कब है शरद पूर्णिमा? लगेगा चंद्र ग्रहण, जानें क्या इस साल नहीं कर पाएंगे लक्ष्मी पूजन
Sharad Purnima 2023 Date and Pujan Muhurat: शरद पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में होता है। जानें शरद पूर्णिमा कब है-
Sharad Purnima 2023 Date and Laxmi Pujan Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023, शनिवार को है। शरद पूर्णिमा पर इस साल चंद्र ग्रहण लग रहा है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को ही लगता है। शरद पूर्णिमा को चांद की रोशनी में खीर रखने और लक्ष्मी पूजन का विधान है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में रखी गई खीर अमृत समान होती है। लेकिन ग्रहण लगने के कारण लोगों के मन में सवाल है कि आखिर शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन कैसे किया जाएगा और खीर चांद की रोशनी में कैसे रखें-
किस समय से शुरू होगा चंद्र ग्रहण: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 01 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगा और देर रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की अवधि 01 घंटा 16 मिनट की है। नौ घंटे पूर्व से सूतक काल शुरू होगा। ऐसे में सूतक 28 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा।
पूर्णिमा तिथि कब से कब तक: पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर 2023 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 29 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय टाइमिंग: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय 28 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा।
शरद पूर्णिमा के दिन बन रहे ये चौघड़िया मुहूर्त:
शुभ -उत्तम: 07:54 ए एम से 09:17 ए एम
लाभ - उन्नति: 01:28 पी एम से 02:52 पी एम
अमृत - सर्वोत्तम: 02:52 पी एम से 04:16 पी एम
लाभ - उन्नति: 05:40 पी एम से 07:16 पी एम
चंद्रमा की किरणों से होगी अमृत वर्षा या नहीं: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने के कारण लोगों के मन में सवाल है कि क्या चंद्रमा की किरणों से अमृत वर्षा होगी या नहीं। आपको बता दें कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है। इस दिन चंद्रमा से अमृत रूप किरण बरसने की मान्यता है, इसलिए इस दिन खीर को चांद की रोशनी में रखा जाता है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि खीर अगर ग्रहण से पहले बनाई जाएगी तो वह सूतक व ग्रहण काल में दूषित हो जाएगी। ऐसे में ग्रहण समाप्त होने के बाद खीर बनाकर उसे चंद्रमा की रोशनी में रखना उचित होगा।
शरद पूर्णिमा पर कैसे करें लक्ष्मी पूजन: शरद पूर्णिमा के दिन दोपहर 02 बजकर 52 मिनट से सूतक शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन व चंद्र पूजन आधी रात बाद या जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब करना उचित रहेगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।