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Sharad Purnima 2023 Date: शरद पूर्णिमा आज, जानें खीर का महत्व, पूजा विधि, चंद्रोदय व चंद्रग्रहण टाइम

Sharad Purnima 2023 Date, Puja Vidhi & Shubh Muhrat : इस साल शरद पूर्णिमा की डेट को लेकर लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है। साल का आखिरी चंद्रग्रहण भी शरद पूर्णिमा पर लगने जा रहा है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 28 Oct 2023 10:24 AM
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Sharad Purnima 2023 Date and Importance: सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कि यह पूरे साल का एक मात्र दिन होता है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं के साथ निकलता है। मान्यता है कि सोलह कलाओं का संयोजन एक आदर्श व्यक्तित्व का निर्माण करता है। भगवान श्रीकृष्ण को सोलह कलाओं से परिपूर्ण अवतार माना जाता है। ऐसे में इस दिन चंद्रदेव की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। कई जगहों पर शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं।

शरद पूर्णिमा 2023 कब है: पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 17 मिनट से प्रारंभ होगी और 29 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा पर लगेगा साल का आखिरी चंद्रग्रहण: 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार को लगेगा। ग्रहण 28 अक्टूबर की मध्य रात्रि 01 बजकर 06 मिनट पर प्रारंभ होहा और रात 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में नजर आएगा, जिसके चलते इसका सूतक काल भी मान्य होगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पूर्व से प्रारंभ होता है।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय: शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा।

शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त: शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इस साल शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन के कई मुहूर्त बन रहे हैं। जानें-

शुभ - उत्तम: 07:54 ए एम से 09:17 ए एम
चर - सामान्य: 12:05 पी एम से 01:28 पी एम
लाभ - उन्नति: 01:28 पी एम से 02:52 पी एमवार वेला
अमृत - सर्वोत्तम: 02:52 पी एम से 04:16 पी एम
लाभ - उन्नति: 05:40 पी एम से 07:16 पी एम
शुभ - उत्तम: 08:52 पी एम से 10:29 पी एम

शरद पूर्णिमा पर क्यों मनाई जाती है खीर: शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणें अमृत समान मानी गई हैं। यही वजह है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है, ताकि इसमें चंद्रमा की किरणें पड़ें और अमृत का प्रभाव हो सके। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने के बाद उसका सेवन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

शरद पूर्णिमा पूजा विधि: पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें। नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

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