Sharad Purnima Vrat : ध्रुव योग में आज मनेगी शरद पूर्णिमा, ज्योतिषाचार्य से जानें महत्व और पूजा- विधि
Sharad Purnima : शरद पूर्णिमा नौ अक्टूबर को है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा को लेकर विभिन्न मंदिरों में तैयारी शुरू हो गयी है। इस बार पूर्णिमा धुव्र योग में मनेगा।
शरद पूर्णिमा नौ अक्टूबर को है। इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। शरद पूर्णिमा को लेकर विभिन्न मंदिरों में तैयारी शुरू हो गयी है। इस बार पूर्णिमा धुव्र योग में मनेगा। इसके साथ उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र का संयोग भी रहेगा।
ज्योतिषाचार्या के अनुसार ऐसी मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के बाद लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि इस पूर्णिया का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। शरद पूर्णिमा के दिन सखीचंद घाट स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में पूजा-पाठ होगा।
मंदिर में भगवान जगन्नाथ चांदनी रात में बाहर आएंगे। इस दौरान उनकी 108 शुद्ध घी के दीपक से आरती व सफेद वस्तु का भोग लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पृथ्वी के निकट रहता है। साथ ही इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि इस दिन माता लक्ष्मी की विधिवत पूजन करने से सुख-समृद्धि, धन वैभव की प्राप्ति होती है। उधर बूढ़ानाथ मंदिर, कोतवाली चौक स्थित बाबा कुपेश्वर नाथ, शिवशक्ति मंदिर में भी पूर्णिमा के मौके पर विशेष पूजन-अर्चना की जायेगी। वहीं दमा व अस्थमा के रोगियों के लिए चंद्ररात किरणों में ग्रहण की गई औषधियुक्त खीर फायदेमंद है। भागलपुर में दो जगहों पर खीर का वितरण ऐसे मरीजों के बीच किया जाता है।
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