Sharad Purnima : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन इस विधि से करें पूजन, होगी धन वर्षा
9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है इसी वजह से इस दिन लोग व्रत एवं पूजन करते हैं। इसे आरोग्य का पर्व भी कहा जाता है।
9 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस दिन का विशेष महत्व है इसी वजह से इस दिन लोग व्रत एवं पूजन करते हैं। इसे आरोग्य का पर्व भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा का अमृतमयी चांद अपनी किरणों में स्वास्थ का वरदान लेकर आता है। हिंदू पंचाग के अनुसार पूर्णिमा की रातो में शरद पूर्णिमा का स्थान प्रमुख है। इसे कौमुदी यानि मूनलाइट या कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही देश के कई राज्यों में इसे फसल उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस पर्व पर चंद्रमा की रोशनी में खीर को रखा जाता है। कहा जाता है कि चंद्रमा की किरणों के नीचे रखी इस खीर को खाने से सारे रोगों का निवारण होता है।
क्या है शरद पूर्णिमा की पूजन विधि
शरद पूर्णिमा में माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। उनके आठ रूप हैं, जिनमें धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, राज लक्ष्मी, वैभव लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी एवं विजय लक्ष्मी है। सच्चे मन से मां की अराधना करने वाले भक्तों की सारी मुरादें पूरी होती हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठ जाएं और स्नान आदि कर लें। घर के मंदिर को साफ करके माता लक्ष्मी और श्री हरि के पूजन की तैयारी कर लें। इसके लिए एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। इस पर माता लक्ष्मी और विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें। प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं, गंगाजल छिड़कें और अक्षत, रोली का तिलक लगाएं। सफेद या पीले रंग की मिठाई से भोग लगाएं और पुष्प अर्पित करें। यदि गुलाब के फूल हैं तो और भी अच्छा है।
गाय के दूध में बनी चावल की खीर की खीर को छोटे-छोटे बर्तनों में भर दें। अब इन्हें चंद्रमा की रोशनी में छलनी से ढककर रख दें। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त जागते हुए गणपति जी की आरती के बाद भगवान विष्णु सहस्त्रनाम जप, श्रीसूक्त का पाठ, भगवान श्री कृष्ण की महिमा, श्रीकृष्ण मधुराष्टकम का पाठ और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद, मां लक्ष्मी को खीर अर्पित करने के बाद घर वालों को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करने को दें।
क्या है पूजन का शुभ मुहूर्त
- शरद पूर्णिमा रविवार, अक्टूबर 9, 2022 को
- शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - 05:51 पी एम
- पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 09, 2022 को 03:41 ए एम बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त - अक्टूबर 10, 2022 को 02:24 ए एम बजे
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