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Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा से बरसेगा अमृत

Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा 2019 के दिन चंद्रमा 13 अक्टूबर यानी कल सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत बरसाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा साल भर में शरद पूर्णिमा की तिथि को ही अपनी षोडश...

Manju Mamgain कार्यालय संवाददाता, अलीगढ़Sun, 13 Oct 2019 06:24 AM
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Sharad Purnima 2019: शरद पूर्णिमा 2019 के दिन चंद्रमा 13 अक्टूबर यानी कल सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर अमृत बरसाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा साल भर में शरद पूर्णिमा की तिथि को ही अपनी षोडश कलाओं को धारण करता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखकर महालक्ष्मी, गणेश की पूजा-अर्चना करेंगी। शरद पूर्णिमा पर पूरा चंद्रमा दिखाई देने के कारण इसे महापूर्णिमा भी कहा गया है।
 
आश्विन शरद पूर्णिमा वाले दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। महिलाएं माता लक्ष्मी, चंद्रमा और देवराज इंद्र की पूजा रात्रि के समय करेंगी। शरद पूर्णिमा पर विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पूर्णिमा तिथि 13 अक्टूबर रविवार की रात 12:36 से प्रारंभ हो जाएगी। जोकि 14 अक्टूबर को रात 2:38 बजे तक रहेगी।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त रहता है। इस दिन चंद्रमा धरती के निकट होकर गुजरता है। इसी दिन से शरद ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी की साधना करने से आर्थिक और व्यापारिक लाभ मिलता है। शरद पूर्णिमा की रात में अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण चंद्रमा से अमृतमयी धारा बहती है। इस दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है। इस खीर को अगले दिन ग्रहण करने से घर बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

खीर रखने का है विधान- 
शरद पूर्णिमा की रात में चांदनी में रखे गए खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने का विधान है। दमा के रोग में विशेष लाभ मिलता है। प्राचीन मान्यताओं के आधार पर शरद पूर्णिमा की रात्रि में सुई में धागा पिरोने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है। जिन लोगों की जन्म-पत्रिका में चंद्रमा से संबंधित कोई समस्या है या चंद्रमा क्षीण है, उन लोगों को भी शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव व कार्तिकेय की पूजा कर रात्रि में चंद्रदेव को जल व कच्चे दूध से अर्घ्य देना चाहिए। 

खीर में आ जाते हैं औषधीय गुण- 
शरद पूर्णिमा पर रात 10 बजे से 12 बजे तक चंद्रमा की किरणों का तेज अधिक रहता है। इस बीच खीर के बर्तन को खुले आसमान में रखना फलदायी होता है। खीर में औषधीय गुण आ जाते हैं और वह मन, मस्तिष्क व शरीर के लिए अत्यंत उपयोगी मानी जाती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य तुला राशि में नीचे होकर मेष राशि में स्थित चंद्रमा पर पूर्ण दृष्टि डालता है। इससे चंद्रमा को अधिक शक्ति मिलती है। चंद्र की शक्ति से मनुष्य को स्वास्थ्य लाभ होता है।  

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