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शनि आज से होंगे मकर राशि में, कल से वृष राशिवालों का बुरा समय खत्म, अब बहुत ही भाग्यशाली रहेगा समय

वर्ष 2022 में शनि देव मार्गी एवं वक्री गति से मकर एवं कुम्भ राशि मे स्वगृही होकर गोचर करते हुए चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करते रहेंगे।  इस तरह वर्ष भर शनि देव अपने फल में संपूर्णता प्रदान करेंगे

Anuradha Pandey पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली, नई दिल्लीTue, 12 July 2022 10:08 AM
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वर्ष 2022 में शनि देव मार्गी एवं वक्री गति से मकर एवं कुम्भ राशि मे स्वगृही होकर गोचर करते हुए चराचर जगत पर अपना प्रभाव स्थापित करते रहेंगे।  इस तरह वर्ष भर शनि देव अपने फल में संपूर्णता प्रदान करेंगे। जब ये वक्री गति से संचरण करेंगे तब इनके प्रभावों में थोड़ा परिवर्तन दिखाई देगा। आषाढ़ शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि 12 जुलाई 2022 को रात में 4 बजे से अपनी दूसरी राशि कुम्भ से पहली राशि मकर में वक्री गति से प्रवेश करेंगे। जहाँ शनि देव 22 अक्टूबर 2022 तक वक्री गति से एवं 23 अक्टूबर से 17 जनवरी 2023 तक मार्गी गति से संचरण करते हुए प्रभाव स्थापित करेंगे।


स्वतंत्र भारत की कुंडली वृष लग्न की है ऐसे में शनिदेव मकर राशि मे भाग्येश हो करके स्वगृही गोचर करेंगे। ऐसे में शनि देव पराक्रम में वृद्धि करने वाले होंगे। विश्व स्तर पर भारत की छवि में सकारात्मक वृद्धि करेंगे। पड़ोसी राष्ट्र के बल, पौरुष में कमी करते हुए भारतीय अखंडता एवं नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करेंगे। शनिदेव मध्य वर्ग, पिछड़ी जातियों के लिए सकारात्मक वृद्धि करेंगे। निम्न मध्य वर्ग, पिछड़ी जाति के संख्या एवं महत्त्व में वृद्धि करेंगे। यद्यपि की सामान्य वर्ग विशेष कर ब्राह्मण वर्ग के वर्चस्व में भी वृद्धि ही करेंगे। फिर भी निम्न मध्य वर्ग , पिछड़ी जातियों के प्रभाव में ज्यादा वृद्धि करने वाले होंगे। 
मेष लग्न : मेष लग्न वालों के लिए शनि देव दशम एवं लाभ के कारक होकर दशम भाव में विद्यमान रहकर सम्मान में , सामाजिक पद प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाले होंगे। नौकरी में वृद्धि, कार्य क्षमता में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता में वृद्धि करेंगे। आय के साधनों में भी सकारात्मक प्रगति प्रदान करेंगे। शनि की दृष्टि द्वादश भाव पर होगी फलतः बड़ी यात्राक संयोग भी बनाएंगे। अचानक कार्यो में सफलता के लिए खर्च की भी स्थिति उत्पन्न करेंगे। माता के स्वास्थ्य में कमी के कारण तनाव भी उत्पन्न कर सकते है। सीने की तकलीफ कफ, खाँसी, इंफेक्शन की समस्या तनाव का कारण बन सकता है। गृह एवं वाहन पर खर्च का वातावरण तैयार होगा। नए वाहन भी खरीद सकते है। पुराने वाहन के सुधार पर भी खर्च हो सकता है। दशम दृष्टि दाम्पत्य भाव पर होगी जिससे जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक तनाव उत्पन्न कर सकता है। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति भी हो सकती है।
उपाय :-  शनिवार को गुण वाली मीठी पूड़ी सरसों तेल मे बनाकर गाय को खिलाना शुभफल प्रदान करेगा।

वृष लग्न
 वृष लग्न वालों के लिए 13 जुलाई के बाद से भी वर्ष 2022 एक उत्तम वर्ष के रूप में जाना जायेगा। क्योंकि वर्ष 2022 में भाग्य एवं राज्य के कारक ग्रह शनि देव पहले कुंभ राशि मे स्वगृही एवं अब मकर राशि मे स्वगृही होकर शुभ फल प्रदान करेंगे। भाग्य वर्धक कार्यो में सहायता प्रदान करेंगे। पिता से सहयोग ,सानिध्य ,वर्चस्व में वृद्धि करेंगे। पराक्रम ,सम्मान, यश कीर्ति में वृद्धि का भी संयोग बनेगा। भाई बंधुओं मित्रों के सहयोग सानिध्य में वृद्धि के साथ साथ तनाव की भी स्थिति बनेगी। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ होता दिख रहा है। सम्मान एवं सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए खर्च की भी स्थिति बनेगी। रोग, ऋण एवं शत्रु से मुक्ति का वर्ष भी होगा वर्ष 2022। पुराने रोग का इलाज इस वर्ष हो सकेगा। गुप्त एवं आन्तरिक शत्रु पर विजय प्राप्त करने का वर्ष होगा 2022। प्रतियोगी परीक्षा कि तैयारी कर रहे लोगो के लिए प्रतियोगिता में सफलता के लिए भी उत्तम वर्ष के रूप में होगा यह वर्ष 2022।
उपाय :-- मूल कुंडली के अनुसार शनि के पीड़ित होने की स्थिति में नीलम रत्न धारण करके लाभ एवं सकारात्मक फल में वृद्धि की जा सकता है।

मिथुन लग्न :-
 मिथुन लग्न के लोगो के लिए शनिदेव अष्टम एवं भाग्य के कारक होकर अष्ठम भाव मे स्वगृही गोचर करते रहेंगे। ऐसे में वाणी में तीव्रता, गले एवं दाँत की समस्या, पारिवारिक तनाव में वृद्धि, पारिवारिक खर्च में वृद्धि की स्थिति उत्पन्न होगी। भाग्य वर्धक कार्यो में तनाव उत्पन्न हो सकता है। परिश्रम एवं कार्यो में अवरोध की भी स्थिति शनिदेव उत्पन्न कर सकते है। पैर एवं पेट की समस्या से कष्ट भी हो सकता है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर तनाव, पिता के स्वास्थ्य पर खर्च की स्थिति भी इस वर्ष बनेगी। संतान के स्वास्थ्य एवं प्रगति को लेकर भी मन मे चिंता उत्पन्न होगी। अध्ययन अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के मन मे विचलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
उपाय :-शनि देव की पूजा आराधना लाभदायक होगा।

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